देश भर में कोरोना वायरस का विकराल रूप सामने आता जा रहा है, बहुत से मरीज घर पर ही खुद को आइसोलेट किए हैं तो कुछ मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। प्रतिदिन कोरोना के लगभग साढे 3 लाख नए केस सामने आ रहे हैं। इसमें सबसे अधिक मामलें सांस लेमे में दिक्कत के हैं। इसी में ऑक्सीजन की कमी भी देखने को मिल रही है, ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम ना होने के कारण बहुत से लोगों ने अपनी जान गवां दी और बहुत से गवां रह हैं। मरीजों का ऑक्सीजन लेवल जैसे ही 93-94 हो रहा है, उनमें अस्पताल जाने की शुरआत हो रही है। इस समय में ये समझना बेहद जरूरी है कि नॉर्मल ऑक्सीजन लेवल क्या कितना होना चाहिए और किन बातों का ध्यान इस दौराम रखना जरूरी है। आइए जानते हैं –
ऑक्सीजन लेवल
ऑक्सीजन की मात्रा को ब्लड सेल्स में पर्सेंटेज के आधार पर नापा जाता है। शरीर में रेड ब्लड सेल्स के अनुपात के आधार पर ही किसीा भी ऑक्सीमीटर शरीर में ऑक्सीजन सैचुरेशन को पर्सेंटेज में बता पाता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल 96 है तो ब्लड सेल्स में सिर्फ 4 परसेंट ऑक्सीजन की कमी पाई जाती है।
क्या होना चाहिए हेल्दी ऑक्सीजन लेवल
वैज्ञानिकों के अनुसार एक स्वस्थ इंसान के शरीर में ऑक्सीजन का नॉर्मल स्तर 95 से 100 के बीच हो सकता है। 95 से कम ऑक्सीजन होना इस बात का संकेत देता है कि व्यक्ति के फेफड़ों में समस्या उत्पन्न हो रही है। वहीं, अगर ऑक्सीजन लेवल 92 या 90 परसेंट होने लगे तो उसे तुरंत ही डॉक्टर से जुड़ना चाहिए।
ऐसे करें ऑक्सीजन लेवल चेक
ऑक्सीमीटर के माध्यम से भी लोग अपना ऑक्सीजन लेवल चेक कर सकते हैं। इसके बीच में उंगली डालने पर अंदर की तरफ एक रोशनी सी जलने लगती है जो ब्लड सेल्स के रंग और उसकी हलचल की जांच करने लगती हैं।
इन बातों का रखें खास ध्यान
वैज्ञानिकों के अनुसार जो हाथ अधिक एक्टिव हो उसी हाथ को ऑक्सीमीटर के बीच दबाना चाहिए। इस दौरान ध्यान रखें कि ऑक्सीमीटर लगाते समय आपके हाथ में तेल, नेलपॉलिश या कोई ऐसी दूसरी चीज न लगी हो। इसके साथ साथ आपका हाथ सूखा होना चाहिए । ऐसा करने से स्पष्ट बात का पता लगता है।
ऐसे बढ़ाएं ऑक्सीजन का लेवल
ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के लिए लंबी सांस ले वो भी पेट के बल लेट कर। ऐसे करने से ऑक्सीजन के मात्रा बढ़ती है, इसको प्रोन पोजिशन कहा जाता है। इसको करने के लिए मरीज को अपनी गर्दन के बीच एक तकिया, दो तकियों को पेट और घुटनों के नीचे और एक को पंजों के नीचे रख लेना चाहिए। प्रत्येक 6 से 8 घंटों में करीब 40 मिनट तक इस काम को करने से ऑक्सीजन की कमी ना होती है।