भारत के अलग-अलग राज्यों में कोरोना संक्रमितों (corona infected) की संख्या में फिर बढ़ोतरी देखते हुए केंद्र सरकार (Central government) अलर्ट मोड पर है. केंद्र की ओर से कोरोना को लेकर कई तरह के दिशानिर्देश (Guidelines) दिए जा रहे हैं. दिशानिर्देश में कहा गया है कि जब तक जीवाणु संक्रमण (bacterial infection) का क्लिनिकल संदेह न हो, तब तक एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
कोरोना वायरस (corona virus) मामलों में तेजी के बीच जारी संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि भारत में फिलहाल कोविड-19 के वयस्क मरीजों के इलाज के लिए ‘लोपिनेविर-रिटोनेविर’, ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’, ‘आइवरमेक्टिन’, ‘मोल्नूपिराविर’, ‘फेविपिराविर’, ‘एजिथ्रोमाइसिन’ और ‘डॉक्सीसाइक्लिन’ जैसी दवाओं का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.
प्लाज्मा थेरेपी से भी बचने की सलाह
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘क्लिनिकल गाइडेंस प्रोटोकॉल’ को संशोधित करने के लिए एम्स, आईसीएमआर और कोविड-19 राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) की पांच जनवरी को एक बैठक हुई. इस बैठक में डॉक्टरों को प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल नहीं करने की भी सलाह दी गई है.
रविवार को एक हजार से ज्यादा केस
भारत में कोविड मामलों में उछाल देखा जा रहा है. पिछले कुछ दिनों में एक दिन में कोविड मामलों की कुल संख्या लगभग 300 से बढ़कर 1000 से अधिक हो गई है. भारत ने रविवार को 129 दिनों के बाद 1,000 से अधिक नए कोविड के मामले एक दिन में दर्ज किए गए हैं. देश के साइंटिस्ट कोरोना के म्यूटेशन पर नजर बनाए हुए हैं.
तेजी से फैल रहा XBB 1.16 वेरिएंट
विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड मामलों में बढ़ोतरी इसके नए वेरिएंट के कारण हो रही है. एक्सबीबी 1.16 वेरिएंट आमजन के बीच बहुत तेजी से फैल रहा है. XBB 1.16 वेरिएंट की पहली बार जनवरी में पहचान की गई थी तब डांच में दो नमूने पॉजिटिव मिले थे. फरवरी में कुल 59 नमूने पाए गए थे. मार्च में अभी तक वेरिएंट के 15 और सैंपल मिले हैं.