भारत में अब कोरोना वायरस के नए मामले पहले से काफी कम संख्या में सामने आ रहे हैं. हालांकि मौत के आंकड़े अब भी ज्यादा हैं. ऐसे में लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए सरकार की ओर से बेहद बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत अब तक देश में कोरोना वैक्सीन की 21 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी है. लेकिन आने वाले समय में लोगों को दी जाने वाली वैक्सीन की इन डोज में कुछ बड़े बदलाव संभव हैं.
यह बदलाव किसी और वजह से नहीं बल्कि यह हाल भूल से लगाई जाने वाली कंपनियों की वैक्सीन की डोज़ को देखते हुए हो रहा है। वैज्ञानिक अब इस शोध में लगने वाले हैं कि आने वाले वक्त में लोगों को “मिक्स एंड मैच” वैक्सीन की डोज दी जाए। मिक्स एंड मैच वैक्सिंग की डोज़ का मतलब होता है कि एक टीके की डोज किसी कंपनी की और दूसरे टीके की डोज किसी कंपनी की लगाई जाए। शोध के बाद आने वाले परिणामों को देखते हुए ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा।
देश में टीका लगाए जाने की व्यवस्था पर नजर रखने वाली कमेटी के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि कई बार ऐसा देखा गया है कि लोगों को दो अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन की डोज़ देने से उनके अंदर मजबूती और उनके अंदर बीमारी से लड़ने की क्षमता ज्यादा हो जाती है। क्योंकि हाल के दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में इस तरीके की घटनाएं सामने आई है।
स्ट्रांग इम्यूनिटी बढ़ाने की कवायद
हालांकि यह घटनाएं लापरवाही की वजह से ही हुई हैं लेकिन वैज्ञानिक आधार पर इस तरीके की कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखे जाते हैं। वरिष्ठ वैज्ञानिक का कहना है कि देश में आने वाले वक्त में मिक्स एंड मैच वैक्सीन की स्टडी की जाएगी। उनका कहना है कि हमारा मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों में स्ट्रांग इम्यूनिटी बनाने का है। इसके लिए लगातार शोध होते रहते हैं। यह भी उसी कड़ी का हिस्सा होगा।
मिक्स एंड मैच वैक्सीन की व्यवस्था होगी शुरू
कोविड-19 टास्क फोर्स कि कमेटी के वरिष्ठ सदस्य बताते हैं कि दो अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन देने से “इंटरचेंजेबिलिटी” होती है। टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक तैयारियाँ पूरी हैं, बहुत जल्द ही इस पर शोध किया जाएगा।।जांच के लिए दो अलग-अलग वर्गों को वैक्सीन देने के लिहाज से बांटा जाएगा और उसके बाद इसके परिणाम को आंका जाएगा। वह कहते हैं कि टीकाकरण की पुरानी व्यवस्थाओं में भी ऐसा अक्सर देखा जाता रहा है कि अलग-अलग कंपनियों की अलग-अलग डोज़ देने से किसी भी तरीके का मरीज पर कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है। अगर यह शोध सफल हो जाएगा तो देश में मिक्स एंड मैच वैक्सीन की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी।
ऐसा करने से वैक्सीन लगाने की टाइमिंग से लेकर पूरे प्रोटोकॉल को नए स्वरूप में लाना होगा। हालांकि इस पूरे मामले को देखने वाले सदस्यों का कहना है कि वैक्सीन के प्रोटोकॉल के बदलने की कोई भी आवश्यकता नहीं होगी। देश में हो रहे टीकाकरण की व्यवस्था पर नजर रखने वाली टीम के सदस्य लगातार उन मरीजों को ऑब्जर्व कर रहे हैं जिनको अलग-अलग कंपनी की दो अलग-अलग डोज़ लगाई गई है।
लोगों को मिलेगा बड़ा विकल्प
इस पूरे मामले में शोध करने वाली टीम का कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले कुछ महीने में ही मिक्स एंड मैच व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। क्योंकि अगले 3 से 4 महीने के भीतर देश में और भी बहुत सारी कंपनियों की वैक्सीन आने वाली है। उनके आने से यह व्यवस्था और ज्यादा मजबूत हो सकेगी।