कोरोना से बचाव के लिए टीका सुरक्षा कवच है। हालांकि दुनियाभर में टीका लगवा चुके लोगों में भी संक्रमण (ब्रेकथ्रू) के मामले सामने आ रहे हैं। अमेरिका में टीका लगवा चुके लोगों में वायरस का डेल्टा वैरिएंट अधिक मिल रहा है।
न्यूयॉर्क के बेल्यूव हॉस्पिटल सेंटर के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सेलिन गाउंडर स्पष्ट कहते हैं कि अगर आपको टीका लगा है तो आप सुरक्षित हैं। आप पर वायरस अधिक प्रभाव नहीं दिखा पाएगा लेकिन आप उन लोगों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं जिन्होंने अब तक टीका नहीं लगवाया है। टीका लगवा चुके लोग वायरस के कैरियर बन सकते हैं। ऐसे लोग दूसरों को संक्रमित करने का प्रमुख कारण हो सकते हैं।
वायरस की कम डोज से असर नहीं
बॉस्टन के बृघम एंड वीमन हॉस्पिटल के महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. स्कॉट ड्राइडेन पीटर्सन बताते हैं कि टीका लगवा चुके अगर कोई व्यक्ति वायरस के कम डोज की चपेट में आता है तो संभव है कि उसे संक्रमण हो ही नहीं या उसे इसका आभास ही न हो।
डेल्टा वैरिएंट के हाई डोज की चपेट में आने पर हो सकता है कि इम्युनिटी भी जवाब दे जाए। स्थिति तब और गंभीर होगी जब वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की दर बढ़ेगी जिस कारण अधिक से अधिक लोग वायरस की चपेट में आएंगे।
सभी को बरतनी होगी सावधानी
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के प्रमुख डॉ. एरिक जे. रूबिन का कहना है कि अब सिर्फ जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है उन्हें अकेले सावधानी नहीं बरतनी है। हर किसी को अपने स्तर पर सावधानी बरतनी होगी जिससे वायरस को अपनी संख्या बढ़ाने का मौका न मिले। अगर हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो सबकुछ पहले की तरह होगा जो हमने देखा और सुना है। बचाव की कोशिश से ही जान बच सकती है।
बूस्टर डोज पर विचार का वक्त
न्यूयॉर्क स्थित रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के इम्युनोलॉजिस्ट प्रो. माइकल सी नुसेन्जविग का कहना है कि टीका लगवाने के बाद कितनी एंटीबॉडीज बनी हैं इस आधार पर वायरस के किसी वैरिएंट से बचाव का सुरक्षा कवच तैयार होता है। टीका लगवा चुके लोगों में संक्रमण तो हो रहा है लेकिन उनमें गंभीर तकलीफ नहीं दिख रही है। इससे ये तो साबित है कि मौजूदा टीके बचाव में सक्षम हैं और बूस्टर डोज पर विचार का वक्त है।