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केजरीवाल नहीं जा सकते हैं CM दफ्तर; सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर लगाई 5 शर्तें

शराब नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने जहां इस मामले को बड़ी बेंच के सामने भेजने की सिफारिश की तो दिल्ली के मुख्यमंत्री को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश भी दिया। इसी के साथ देश की सबसे बड़ी अदालत ने केजरीवाल की रिहाई पर कई शर्तें भी रख दी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जब तक केजरीवाल जमानत पर बाहर रहेंगे, वह सीएम कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आगे यह स्पष्ट किया कि अंतरिम जमानत को बढ़ाया जा सकता है या बड़ी पीठ द्वारा वापस लिया जा सकता है। कोर्ट ने केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटने का निर्देश जारी करने के सवाल पर कहा कि इस संबंध में फैसला लेने की जिम्मेदारी आप प्रमुख पर छोड़ दी गई है।

इन 5 शर्तों पर केजरीवाल की जमानत हुई मंजूर

– केजरीवाल को 50,000 रुपये की राशि के जमानत बांड और इतनी ही राशि की एक श्योरटी देनी होगी।

– केजरीवाल सीएम दफ्तर और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं कर सकेंगे।

– केजरीवाल आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि यह आवश्यक न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो।

– वह केस में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे; और

– वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और/या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी।