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कुमार विश्वास ने लुटियंस की खोल दी पोल : भक्ति छोड़िये…घर का आदमी मर रहा है, आप पार्टी बचा रहे हैं

कोरोना के कोहराम, कहर पर सत्ता की लापरवाही से समाजसेवी, कलाकार, साहित्यकारों के साथ-साथ कवियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। देश में चार हजार से अधिक लोगों की रोज मौत हो रही है, इससे नाजरागी, आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस बीच हिंदी कवि कुमार विश्वास ने कोरोना के दौरान फैली अव्यवस्था को लेकर आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने किसी का नाम लिये बिना प्रशासन और नेताओं पर करारा तंज किया है। कुमार विष्वास ने कहा कि उनके घर के ही लोग मर रहे हैं लेकिन फिर भी वह पार्टी को बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने लोगों को भक्ति छोड़ने की सलाह भी दी। उन्होंने कोरोना महामारी के बीच सिलेंडर जमा करने वालों और नकली दवाएं बनाने वालों पर भी भड़के हुए नजर आए। उन्होंने जमाखोरों से कहा कि इन्हें लकड़ियां भी जमा कर लेनी चाहिए। कुमार विश्वास का डिबेट शो से जुड़ा यह वीडियो लगातार वायरल हो रहा है। उन्होंने अपने बयान में लोगों पर तंज कसते हुए कहा कि मैं समाज से सदा कहता हूं कि आप अच्छे को अच्छा और बुरे को बुरा कहना शुरू कीजिए। हम तो पहले से ही गद्दारों और देशभक्तों कि गिनती नहीं करते हैं। जब आप एक एक्सपोज हुए नेता को वोट देते हैं तो आप समाज में एक गलती को माफ कर देते हैं।

कवि ने दी भक्ति छोड़ने की सलाह
कुमार विश्वास ने कहा कि आज कई नेताओं ने अपने बच्चों को चार्टर्ड प्लेन के जरिए विदेश में भेज दिया है। लुटियंस की कौन-कौन सी कोठियां खाली हुई हैं, किस-किसने अपनी पुत्र-वधुओं को विदेश भेज दिया है। इनके चेहरे पहचानिए। क्योंकि इन्हें पता है कि आप भूल जाएंगे। मैं देख रहा हूं कि घर का आदमी परेशान है, बेड नहीं मिल रहा है, लोग मर रहे हैं, लेकिन फिर भी पार्टी को बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश है, जनता है तो पार्टी है। कालाबाजारी करने वालों पर निशाना साधते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि भाई सांसों पर बन आई है, कम से कम अब तो भक्ति छोड़ दीजिए। पहले अपना घर बचाइये। मोहल्ला बचाइये। उसके बाद तय कर लीजिएगा।

अनुपम खेर का दिया था करारा जवाब
ज्ञात हो कि इससे पहले कुमार विश्वास बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर के बयान पर नाराज हो गये थे। अनुपम खेर ने अपने बयान में लोगों को महामारी के बीच उम्मीद बनाए रखने की सलाह दी थी। इसपर कुमार विश्वास ने कहा कि चारों तरफ चिताएं जल रही हैं और आप कह रहे हैं कि हां हो रहा है। ऐसे थोड़ी न काम चलता है, तो यब सब नहीं चलेगा, लोगों को श्मशान में वेटिंग के लिए फोन करना पड़ रहा है। आप इसके लिए रो लीजिए, नाराज हो लीजिए।