उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का शनिवार की रात निधन हो गया. उन्होंने 89 साल की उम्र में लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली. कल्याण सिंह के बड़े बेटे सांसद राजवीर सिंह आज पिता को याद करके भावुक हो गए. न्यूज़ 18 से बातचीत में राजवीर सिंह ने कहा कि बाबूजी का जन्म राम मंदिर के लिए ही हुआ था. आज वो भगवान राम की शरण में चले गए है. उन्होंने कहा कि मैं और मेरा परिवार राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है. हमसे जो बन पड़ेगा राम मंदिर के निर्माण के लिए करेंगे और बाबूजी के सपने को पूरा करने में अपना धर्म निभाएंगे.
बता दें कि कल्याण सिंह के निधन के बाद पूरा परिवार शोक में हैं. अपना पहला चुनाव हार जाने वाले कल्याण सिंह के नाम राजनीति में कई सारे रिकॉर्ड हैं. वे 3 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, 8 बार विधायक भी रहे, एक बार लोकसभा के सांसद और फिर राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के गवर्नर भी रहे. देश के कई बड़े नेताओं ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक जताया है.
बेटे ने संभाली राजनीतिक विरासत
कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह पिता की तरह बीजेपी को चुना और राजनीतिक विरासत को बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं. वह उत्तर प्रदेश के एटा से सांसद हैं. युवावस्था से ही गांव-समाज और क्षेत्र में लोकप्रियता के कारण लोग उन्हें राजू भैया कहते हैं. राजवीर सिंह की चार संतानों में दो बेटे और दो बेटियां हैं. कल्याण सिंह से विरासत में मिली राजनीति निभाने वाले राजवीर सिंह के बड़े बेटे ने भी यह परंपरा कायम रखी है. वे भी पिता की तरह राजनीति कर रहे हैं.
कल्याण सिंह की तीसरी पीढ़ी भी राजनीति में
कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह की चार संतानों में सबसे बड़े बेटे संदीप सिंह ने भी राजनीति में शानदार एंट्री की. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में उन्हें शिक्षा विभाग सौंपा गया. वर्तमान में संदीप सिंह उत्तरप्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री हैं. संदीप सिंह के बाद राजवीर सिंह की बेटी पूर्णिमा सिंह, फिर श्वेता सिंह और फिर सबसे छोटे बेटे सौरभ सिंह हैं.