कोरोना काल में उत्तर प्रदेश से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक महिला उद्योगपति की तरफ से दावा कर दिया गया है कि वे यूपी में एक ऑक्सीजन प्लांट लगवाना चाहती थीं, लेकिन इलाके के उपजिलाधिकारी ने उनसे रिश्वत की मांग की और उनकी फाइल को भी आगे नहीं बढ़ाया. ये घटना लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके की है और आरोप लगाने वाली महिला का नाम प्रतिमा बताया गया है. कहा गया है कि प्रतिमा मोहनलालगंज में एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करवाना चाहती थीं. इस सिलसिले में उनकी तरफ से जरूरी दस्तावेज भी दिए गए थे. लेकिन उस समय उपजिलाधिकारी विकास सिंह ने फाइल को आगे बढ़ाने के बजाय 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. अब प्रतिमा ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस घटना के बारे में विस्तार से बताया है. उन्होंने अपने उस ट्वीट में इलाके के डीएम और सीएम कार्यलय को भी टैग किया है. उनकी तरफ से इस एसडीएम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.
डीएम ने क्या एक्शन लिया है?
इस घटना का संज्ञान लेते हुए लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने मोहनलालगंज के एसडीएम का तबादला कर दिया है, वहीं एडीएम फाइनेंस की अगुवाई में जांच बैठा दी गई है. जानकारी मिली है कि इस मामले के सामने आने के बाद डीएम की तरफ से संबंधित वादी को उनके दफ्तर बुलाया गया था. वहां पर वादी की तरफ से ऑक्सीजन प्लांट और जमीन संबंधित दस्तावेज के साथ-साथ अपनी आईडी भी दी गई थी. अब केस की जांच जारी है और सच समझने की कोशिश हो रही है.
जिस पर आरोप लगा वो क्या कह रहे हैं?
वैसे महिला की तरफ से जरूर रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए हैं, लेकिन एसडीएम विकास सिंह ने आरोपों को बेबुनियाद बता दिया है. उनकी तरफ से तो यहां कह दिया गया है कि पिछले कुछ महीनों से उनके पास प्रतिमा नाम की कोई महिला नहीं आई हैं. ऐसे में अब उनकी तरफ से उस महिला को एक लीगल नोटिस भेजा गया है. उस नोटिस में लिखा है कि ट्वीट के जरिए आप ने बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. आखिर कोई कैसे 100 करोड़ के प्रोजेक्ट को लेकर,एसडीएम को एप्लीकेशन लिख सकता है? इसके लिए ऊपर आला अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेजा जाता है. आप ये भी बताएं कि 25 लाख रुपए लेने की बात कब कही गई और उसकी तारीख क्या है. ऐसे में अब इस एक केस की वजह से महिला बनाम एसडीएम की लड़ाई देखने को मिल रही है.
इस केस में एक तरफ महिला लगातार सोशल मीडिया के जरिए खुद के लिए समर्थन हासिल कर रही हैं, तो वहीं एसडीएम भी कानूनी रास्ता अपनाते लीगल नोटिस के जरिए ये केस लड़ रहे हैं. अब इस मामले में किसके दावों में कितनी सच्चाई है, ये जांच में जल्द सामने आ जाएगा.