सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कुछ राज्यों में हुई धार्मिक हिंसा की जांच के लिए पैनल गठित करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह इस तरह की राहत नहीं दे सकता। दरअसल रामनवमी और हनुमान जयंती समारोह के दौरान कुछ राज्यों में हाल की धार्मिक हिंसा की जांच के लिए भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक जांच पैनल की मांग के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। तिवारी ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है और केवल एकतरफा जांच चल रही है। वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, “ऐसी किसी राहत की मांग न करें जो इस अदालत द्वारा नहीं दी जा सकती।”
न्यायमूर्ति राव ने याचिकाकर्ता वकील से पूछा, ‘आप भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच चाहते हैं? क्या कोई फ्री है? आप पता लगाएं और हमें बताएं।’ न्यायमूर्ति राव ने कहा, ‘आप किस तरह की राहत मांग रहे हैं? ऐसी राहत की मांग न करें जिसे अदालत नहीं दे सकती।’