महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की अंधेरी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में दिलचस्प मोड़ आया है। उपचुनाव से पहले एकनाथ शिंदे खेमे के विधायक ने रविवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की उम्मीदवार रुतुजा लटके के निर्विरोध चुनाव के लिए भाजपा से बात करने का अनुरोध किया है। यह पत्र एकनाथ शिंदे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थकों के लिए किसी झटके से कम नहीं है। क्योंकि भाजपा और शिंदे की निगाहें 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी पूर्व उपचुनाव की ‘हॉट सीट’ पर हैं।
अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए दिवंगत रमेश लटके की पत्नी रुतुजा लटके को पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे द्वारा खड़ा किया जाना था। इसके लिए उनका बीएमसी से इस्तीफा स्वीकार होना जरूरी था। मामला बंबई हाईकोर्ट पहुंचा। गुरुवार को कोर्ट ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से कहा कि रुतुजा लटके का इस्तीफा स्वीकार करें।
इससे पहले उद्धव ठाकरे गुट ने आरोप लगाया था कि बीएमसी पर इस्तीफे में देरी करने का दबाव है। हालांकि, बीएमसी चीफ इकबाल सिंह चहल ने रुतुजा लटके के इस्तीफे को स्वीकार करने पर शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के किसी भी दबाव में होने से इनकार किया।
जब रुतुजा लटके से शिंदे गुट के संपर्क की खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मेरे पति उद्धव जी के प्रति वफादार थे और हमारा परिवार केवल उनके प्रति वफादार है। अगर मैं कभी भी किसी भी पार्टी से चुनाव लड़ूंगी तो वह उद्धव ठाकरे की पार्टी ही होगी।”
इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया था कि वे दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी के खिलाफ अंधेरी पूर्व उपचुनाव में भाजपा की तरफ से उम्मीदवार न उतारें। फडणवीस को लिखे पत्र में मनसे प्रमुख ने कहा, “मैं यह पत्र एक विशेष अनुरोध के साथ लिख रहा हूं। विधायक की आकस्मिक मृत्यु के बाद अंधेरी पूर्व के लिए उपचुनाव की घोषणा की गई है। उनकी विधवा रुजुता लटके ने इसके लिए उम्मीदवारी के लिए आवेदन किया है।” ठाकरे ने आगे कहा कि रमेश एक कुशल कार्यकर्ता थे जिन्होंने ‘शाखा-प्रमुख’ से अपनी यात्रा शुरू की थी।
खबर है कि फडणवीस ने स्वीकार किया कि उन्हें पत्र मिला है और कहा है कि वह इस संबंध में अपनी पार्टी और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे।