उत्तर प्रदेश के मलीहाबाद को फलों के राजा ‘आम’ के लिए जाना जाता है. इसी इलाके में आम को ख़ास मुक़ाम देने वाले पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान ने पहले भी कई शख़्सियतों के नाम पर अपने बाग़ के आम के नाम रखे हैं. अब नया नाम उन्होंने पूर्व मिस यूनिवर्स और अभिनेत्री सुष्मिता सेन के नाम पर रखा है. इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह के नाम पर भी एक आम की क़िस्म का नाम रखा गया है लेकिन उनका कहना है कि अमित शाह की शख़्सियत के वज़न के बराबर वो प्रभावी नहीं था इसलिए वो फिर से इस कोशिश में लगेंगे.
मलीहाबादी दशहरी, लंगड़ा आम की मिठास से तो सभी परिचित हैं पर इस क्षेत्र में आम के ख़ास बागवान पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान ने पिछले 60 सालों में आम की बाग़वानी में करिश्मा कर दिखाया है. उन्होंने अपने बाग में आम की 350 से ज़्यादा क़िस्में उगायी हैं. एक आम का पेड़ तो देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं जिसमें ग्राफ़्टिंग के ज़रिए उन्होंने 300 से ज़्यादा क़िस्मों के आम तैयार किए हैं. एक ही पेड़ पर इतनी क़िस्मों के आम का होना कई किसानों और बाग़वानी के जानकारों के लिए भी शोध का विषय बन चुका है. इस बार कलीमुल्लाह ने एक नई किस्म का आम तैयार किया.
देखने में बहुत सुडौल और सुंदर इस आम का नाम उन्होंने पूर्व मिस यूनिवर्स और अभिनेत्री सुष्मिता सेन के नाम पर रखा है. सुष्मिता सेन की ख़ूबसूरती के साथ उनके चैरिटी के कार्य और दो बच्चियों को गोद लेने को भी हाजी कलीमुल्लाह इसकी वजह बताते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने सबसे पहले ऐश्वर्या के नाम पर ‘ऐश्वर्या आम’ का नाम रखा था लेकिन मुझे बहुत बाद में सुष्मिता के बारे में किसी ने बताया. मैं चाहता हूं उनकी ख़ूबसूरती तो हमेशा इस दुनिया में रहे ही लेकिन उनके नेकदिल इंसान होने को भी लोग याद करें. वो मेरी बेटी की उम्र की हैं, मेरा उनसे मुंबई जा कर मिलने का भी मन है इसलिए आम की क़िस्म इस बार विकसित की तो सुष्मिता आम नाम रखा.’सुष्मिता आम की खूबी क्या है?
ये पूछने पर हाजी कलीमुल्लाह खान ने बताया कि ये आम देखने में बहुत ख़ूबसूरत है, बहुत सुडौल है, इसमें हल्की चित्तियां हैं. खाने में भी उतना ही लज़ीज़ है.’ लेकिन तमाम शख़्सियतों के नाम पर अपने बाग़ के आम के नाम रखने वाले कलीमुल्लाह अब एक नया प्रयोग भी कर रहे हैं. उन्होंने इस बार भी आम की एक क़िस्म विकसित कर गृहमंत्री अमित शाह के नाम पर उस आम का नाम रखने की तैयारी की. एक आम का नाम अमित शाह के नाम पर रखा गया पर कलीमुल्लाह का कहना है अभी उसमें और काम बाक़ी है.
कलीमुल्लाह कहते हैं कि वो आम अभी अमित शाह की व्यक्तित्व के मुक़ाबले हल्का है क्योंकि अमित शाह की जो शख़्सियत है वो बहुत वज़नदार है. जिस तरह से वो बोलते हैं, जिस तरह से उनका लोगों पर प्रभाव पड़ता है वो देखते हुए उनके नाम पर आम भी ऐसा ही वज़नदार होना चाहिए. यानी उसका स्वाद भी इतना उम्दा होना चाहिए कि लोग कहें वह यही है शाह. कलीमुल्लाह कहते हैं कि मैं इस कोशिश में लगा हूं, जल्द ही वो आम आप सबके सामने आएगा. अभी जो आया है वो इतना वज़नदार नहीं है. हाजी कलीमुल्लाह ने आम को देश की उन शख़्सियतों से जोड़ा है जिनको लोग पसंद करते हैं. सबसे पहला प्रयोग उन्होंने ऐश्वर्या आम ला कर किया था. फिर मुलायम आम, मोदी आम, सचिन आम, कलाम आम, अमिताभ आम, योगी आम अखिलेश आम भी लोगों के सामने ला चुके हैं.