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आयशा की वो आखिरी कॉल रिकॉर्डिंग में हुआ बड़ा खुलासा, “तू मर जा और वीडियो मुझे भेज देना…”

आयशा खुदकुशी केस में पुलिस को बड़ा सुराग मिला है। पुलिस को हाथ वो 70 मिनट की रिकॉर्डिंग लगी है, जिसमें आयशा ने सुसाइड से पहले अपने पति आरिफ से बात की थी। बताया जा रहा है कि इस रिकॉर्डिंग से कई खुलासे होने की आशंका है। बता दे आयशा ने अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट से नदी में कूदकर सुसाइड कर लिया था और उसने आत्महत्या से पहले वीडियो भी बनाया था जिसके वायरल होने के बाद पुलिस भी हरकत में आई थी। पुलिस ने इस केस में शिकायत दर्ज करते हुए राजस्थान के पाली से आयशा के पति आरिफ को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस अब इस मामले में सभी पहलुओं को जांच रही है, अब तक आयशा के सुसाइड को लेकर पुलिस के सामने कई बातें खुल रही हैं।

आयशा के पति आरिफ का मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त कर लिया है, आयशा के परिवार वालों के अनुसार आयशा ने अपने मोबाइल फोन से सुसाइड से पहले आरिफ के साथ लगभग 70 मिनट तक बातचीत की थी। पुलिस के हाथों वो बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी लग गई है, जिसमें आरिफ आयशा के साथ बातचीत में कथित रूप से यह कह रहा है कि तू मर जा और मरने का वीडियो मुझे भेज देना।

वहीं आयशा के परिवार वालों का आरोप है कि आरिफ का किसी और लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। अब पुलिस मोबाइल डाटा के माध्यम से यह भी जांच करने में जुटी है कि क्या सच में आरिफ का किसी और लड़की के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था और यदि चल रहा था तो वह लड़की कौन है और क्या उसी के कारण आरिफ, आयशा को परेशान करता था और दहेज के पैसे लाने के लिए दबाव बना रहा था।

आयशा ने साल 2020 में आरिफ और उसके परिवार वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस अहमदाबाद के वटवा पुलिस थाने में दर्ज करवाया था। इस मामले के दर्ज होने के बाद आरिफ और उसके परिवार वालों की पुलिस ने गिरफ्तारी भी की थी। बाद में आरिफ के परिवार वाले जमानत पर छूट गए थे। पुलिस के हाथ जो 70 मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग लगी है, उसमें आयशा और आरिफ के बीच में इस दहेज के मामले को लेकर भी बातचीत हुई है और आरिफ कई बार आयशा पर परिवार वालों को परेशान करने का आरोप लगाता था और उस पर दबाव बना रहा था कि वह इस दहेज उत्पीड़न के केस को वापस ले ले।

आयशा और आरिफ के मोबाइल के वीडियो, ऑडियो के माध्यम से पुलिस इस मामले में कई सबूत इकट्ठे कर रही है, इसके साथ ही मोबाइल फोन के ऑडियो की जांच के लिए एफएसएल भी भेजा जाएगा। जिससे जब पूरा मामला कोर्ट में जाए तो Voice Identification के माध्यम से इस मामले में साइंटिफिक सबूत को पेश किया जाए।