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आज है सावन पूर्णिमा, जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

आज सावन पूर्णिमा है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होता है. हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन के साथ ये सावन मास भी समाप्त हो जाएगा. ये महीना शिवभक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. हिंदू धर्म में भी सावन का महीना बहुत खास होता है . मान्यता है कि इस महीने में पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

पूर्णिमा के दिन भोलेनाथ के साथ- साथ भगवान विष्णु की पूजा होता है. ऐसा बहुत कम होता है जब दोनों देवों की एक साथ पूजा करने का सौगभाग्य मिलता है. आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में.

सावन पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास की पूर्णिमा 22 अगस्त 2021 के दिन रविवार को पड़ रही है. हालांकि ये पूर्णिमा की तिथि 21 अगस्त को शाम 07 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर 22 अगस्त 2021 को रात 05 बजकर 32 मिनट पर रहेगा. उदय तिथि होने के कारण 22 अगस्त को सावन की पूर्णिमा पड़ रही है.

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें

इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है. हालांकि सावन का आखिरी दिन होने के कारण भगवान शिव के साथ विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूजा और उपवास करने से घर में सुख- समृद्धि आती है.

पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली से चंद्र दोष दूर होता है. इसके अलावा चंद्रमा को जल में दूध, गंगाजल, रोली और चावल मिलाकर अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन पितरों को तर्पण देने के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को खाना खिलाने चाहिए.

सावन पूर्णिमा के दिन करें ये काम

सावन मास की पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. इस दिन नहाने के बाद दान अवश्य करना चाहिए. इस दिन विशेष रूप से पितरों का तर्पण किया जाता है. हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करने से पितृदोष की समस्या को दूर सकते हैं.

कई लोग पूर्णिमा के दिन व्रत रखते हैं. इस दिन पूजा पाठ करने से घर में सुख- समृद्धि आती है. इसके अलावा जो लोग व्रत नहीं रखते हैं उन्हें सात्विक भोजन करना चाहिए. पूर्णिमा के दिन मास, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.