उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सातवें और अंतिम चरण में पहुंच चुका है। शनिवार शाम चुनावी शोर थम जाएगा। 9 जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर रविवार को मतदान होगा। सातवें चरण में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के जातिगत समीकरण की परीक्षा होगी। उत्तर प्रदेश के 7वें चरण में बीजेपी की बुलडोजर नीति की भी परीक्षा होगी। मतदाता अपने मतों से बुलडोजर नीति के और पक्ष-विपक्ष में मतदान करेंगे। 7 मार्च रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत नौ जिलों में अंतिम चरण का मतदान होगा। आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली और सोनभद्र की 54 सीटों पर मतदान होगा।
2017 में बीजेपी ने इस सातवें चरण में 36 सीटों पर कब्जा किया था। 11 सीटें समाजवादी पार्टी, 5 सीट बहुजन समाज पार्टी और एक सीट निषाद पार्टी को मिली थी। इस बार राजनीतिक समीकरण बदल गये हैं। समाजवादी पार्टी जातिगत समीकरण की नई ताकत के साथ मैदान में है। भारतीय जनता पार्टी से नाराजगी का फायदा भी समाजवादी पार्टी को मिल रहा है। किसान और युवा निर्णायक हो चुके हैं। बीएसपी भी दलित और मुस्लिम वोट बैंक के सहारे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में है। निषाद पार्टी बीजेपी के साथ पूर्वांचल में ताल ठोक रही है।
सातवें चरण के अंतिम मतदान में बीजेपी और समाजवादी पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग की अग्निपरीक्षा होगी। बीजेपी की बुलडोजर नीति को भी परखा जाएगा। 2017 में सत्ता पाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफिया, अपराधियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर नीति का ऐलान किया था। मुख्तार अंसारी से लेकर अतीक अहमद और विजय मिश्रा की संपत्तियों पर सरकार ने बुलडोजर चलाये। सरकारी जमीन पर किए गये अवैध कब्जों को ढहा दिया गया था। बीते 5 सालों में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, विजय मिश्रा, कुंटू सिंह जैसे तमाम माफिया की लगभग दो हजार करोड़ की अवैध संपत्ति पर कब्जे हटा दिए गए, बिल्डिंग गिरा दी गई। इसका चुनाव पर भी असर है।
उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ने इसी बुलडोजर नीति के सहारे चुनाव में बेहतर कानून व्यवस्था और माफिया पर शिकंजा कसने का दावा कर रही है। बीते छह चरणों में चुनावी रैली में माफिया, अपराधियों पर की गई कार्रवाई को उदाहरण के रूप में पेश किया गया। बीजेपी बेहतर कानून व्यवस्था के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश में लगी है। सीएम योगी से लेकर तमाम बड़े नेता बयान दे रहे हैं कि 10 मार्च के बाद फिर बुलडोजर चलेगा लेकिन अब बुलडोजर नीति की अग्निपरीक्षा अगले चरण में होगी।
7 तारीख को अंतिम चरण में 9 जिलों में मतदान होने हैं। पूर्वांचल के इन इलाकों में उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार का बुलडोजर चला। असली परीक्षा मऊ, आजमगढ़, भदोही में है। मऊ, आजमगढ़, भदोही और भदोही में माफिया थे और जहां पर सरकार ने इनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया था। जिन जिलों में योगी सरकार ने बुलडोजर चलाए, वहां की जनता पर क्या असर हुआ उसको बुलडोजर पसंद आया या फिर उन्होंने उसे कार्रवाई का बुलडोजर माना, यह सातवें और अंतिम चरण में साफ हो जाएगा।