मान्यता है कि आज के दिन यानी भाद्रपद की द्वितीया तिथि को चंद्र दर्शन का विशेष योग बनता है। आज चांद को देखने से व्यक्ति पर लगे कई आरोप मिट जाते हैं। ऐसा करने से बदनामी का जो डर होता है वह खत्म हो जाता है। अमावस्या के बाद दूसरे दिन को चन्द्र दर्शन दिवस कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और इसे भाग्यशाली और समृद्ध माना जाता है।
इसका कारक है चंद्रमा
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चांद का दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्र दर्शन में धार्मिक महत्व रखता है। हर महीने जब अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रमा नजर आता है उस दिन चंद्र दर्शन दिवस इंडिया के करीब हर हिस्से में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान चंद्र की पूजा करने और व्रत रखने का भी विधान हैं।
मानसिक रोगों से मिलता है छुटकारा
सूर्यास्त के ठीक बाद के चंद्रमा को देखने के लिए या चंद्र दर्शन के लिए सबसे अनुकूल वक्त होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से शुभ फल मिलता है और इसे बेहद भाग्यशाली और समृद्ध माना जाता है। जिन लोगों की जन्मपत्री में चंद्रमा नीच का है। अगर वो लोग इस दिन चंद्र भगवान की पूजा-अर्चना कर उनके दर्शन करते हैं तो उनका ग्रह दोष ठीक हो जाता है। उन्हें कई तरह के मानसिक रोगों से छुटकारा मिलता है और उन पर मां लक्ष्मी की भी कृपा रहती है।
आध्यात्मिक विकास के लिए चंद्र दर्शन
इस दिन चंद्रमा भगवान की पूजा और उपवास करने से व्यक्ति के मन को सभी नकारात्मक विचारों और बुरे इरादों से शुद्ध करने में सहायता मिलती है। व्रत का अनुष्ठान पवित्र और शक्तिशाली चंद्र मंत्रों के जाप के बाद किया जाता है। चंद्र दर्शन के दिन, भक्त अपने आध्यात्मिक विकास के लिए गंगा के तट पर ध्यान करना चाहिए। भाद्रपद का चंद्र दर्शन मनुष्य में सकारात्मक विचार आते हैं।
पूजा विधि
-माना जाता है कि इस दिन शाम के वक्त चंद्र देव का दशोपचार तरीके से पूजा-अर्चना कर यानी भगवान का आह्वाहन, आचमन, अर्घ्य, स्नान कर और रोली और चावल से तिलक कर, फूल अर्पित करना चाहिए।
-दशोपचार तरीके से पूजा-अर्चना के बाद धूप दीप करके चंद्र भगवान को भोग में खीर का प्रसाद अर्पित करना चाहिए।
-चंद्र भगवान की पूजा करते वक्त इस मंत्र का जाप जरूर करें, ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात
-इस दिन ऐसा करने से मन का पूरा तनाव खत्म हो जाता है और हर प्रकार के रोग से छुटकारा मिल जाता है।
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महत्व
– चंद्रमा वात, पित और कफ को संतुलित करता है
– चन्द्र दर्शन के दिन व्रत रखने से मानव शरीर में कफ, पित्त और वात के तत्वों को संतुलित करने में मदद मिलती है जो सभी रोगों को ठीक करने और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायता करता है।