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अस्पताल के बाहर डॉक्टर का घंटो इंतजार करती रही मां, बच्‍चें ने गोद में ही तोड़ा दम

मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) जिले में एक हृदयविदारक मामला सामने आया है, जहां अस्पताल के बाहर इलाज न मिलने पर एक बच्चे ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ (State President Kamal Nath) ने इस मामले को सरकार के विकास के दावों की पोल खोलने वाला बताया है। इस घटना का वीडियो सामने आया है जिसमें अस्पताल के बाहर महिला रोती-बिलखती दिख रही है।

जानें, क्या है पूरा मामला
मामला जबलपुर के बरगी क्षेत्र का है, यहां के तिन्हाटा के 5 साल के मासूम ऋषि को उल्टी-दस्त होने पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगी(health center bargi) लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। ऋषि को उसकी मां अपनी गोद में लिए हुए है और बेटा जाग जा, उठ जा, पुकार रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो रहा है। ऋषि के मामा पवन और परिजनों का आरोप है कि उसकी बहन अपने बेटे को दिखाने बुधवार की सुबह 10 बजे स्वास्थ्य केंद्र बरगी पहुंची थी लेकिन स्वास्थ्य केंद्र (Health Center) में कोई डॉक्टर नहीं था, नर्स अकेली थी। बच्चे को डॉक्टर न होने पर इलाज नहीं मिल पाया। उसकी तबियत बिगड़ती गई और मौत हो गई।

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी(Health Minister Dr. Prabhuram Choudhary) ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने महिला की गोद में बच्चे का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा है कि, मध्यप्रदेश के जबलपुर के बरगी की यह तस्वीरें बेहद हृदय विदारक है। एक मासूम बालक स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर अपनी माँ की गोद में तड़प-तड़प कर दम तोड़ देता है क्योंकि न उसे डॉक्टर मिल पाया, न इलाज मिल पाया।

कलनाथ ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
कमलनाथ ने आगे कहा, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विभिन्न हिस्सों से इस तरह की तस्वीरें निरंतर सामने आ रही हैं, लेकिन जिम्मेदार सिस्टम सुधारने की बजाय, मूकदर्शक बन कर यह सब देख रहे हैं। यह तस्वीरें शिवराज सरकार के सुशासन, स्वर्णिम प्रदेश, विकास के दावों की पोल खोल रही है। उन्होंने आगे कहा, मैं सरकार से मांग करता हूं कि इस मामले की जांच हो, दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, पीड़ित परिवार की हर संभव मदद हो।