उमेश पाल अपहरण केस में आज प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने सभी 10 आरोपियों में से तीन आरोपी अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया, जबकि सात आरोपियों अतीक के भाई व पूर्व विधायक अशरफ, जावेद, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर और फरहान को बरी कर दिया. इस केस में एक अन्य आरोपी अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा की मौत हो चुकी है.
वहीं कोर्ट का फैसला आने के बाद पूर्व विधायक राजू पाल की पत्नी व समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने कहा कि कोर्ट का जो जजमेंट आया है अतीक, दिनेश और उसके वकील का, वह न्यायहित में है. दूसरी तरफ ये सुनने को मिला की अशरफ छूट रहा है. अशरफ और अतीक में कोई अंतर नहीं है. दोनों बराबर के खूंखार हैं.
विधायक पूजा पाल ने कहा कि अशरफ तो और खतरनाक है. इनकी कथनी करनी को सब जानते हैं. इनको भी सजा होनी चाहिए थी, तब जाकर पूरे प्रयागराज में जिनके साथ अन्याय हुआ है, उनको न्याय मिलता. जो धाराएं उमेश पाल के अपहरण में लगी हैं, उनमें उम्रकैद और फांसी भी है. इसलिए मैं कह रही हूं कि जो सजा मिलनी चाहिए, वो प्रयागराज की जनता को नजर में रखकर मिलनी चाहिए.
विधायक पूजा पाल ने कहा कि अशरफ का बचना न्यायहित के लिए सही नहीं है. इतना बड़ा प्रकरण राजू पाल का हुआ और अभी उमेश पाल की मर्डर हुआ. हमारे लड़ने के बाद भी ऐसे लोग छूट जाएंगे तो उनका हौसला टूट जाएगा, जो लड़ नहीं पा रहे हैं. पूजा पाल ने कहा कि राजू पाल का मामला भी अंतिम चरण में है और एक साल में फैसला आ जाएगा.
राजू पाल मामले में तो अशरफ नहीं बचने वाला है. इस तरह के लोग जो पावर में होते हैं, वो मुकदमों के साथ छेड़खानी करते हैं. इस वजह से न्याय पाने में इतना वक्त लग जाता है. हम लोग अभी भी उम्मीद नहीं हारे हैं और इसे अंतिम पड़ाव तक ले जाएंगे और इस मामले में सभी को फांसी होगी.
विधायक पूजा पाल ने कहा कि अतीक और अशरफ दोनों अलग नहीं हैं. दोनों एक जैसे ही हैं. इनमें से कोई भी बाहर रहेगा तो इनके लोग बने रहेंगे और इनकी बात मानते रहेंगे. मैं राजू पाल जी के लिए लड़ रही हूं. मझे भी खतरा है. शासकीय कार्रवाई में भी इनका भरपूर दखल रहता है. इसलिए अशरफ का बाहर होना ठीक नहीं है.