भगवान (God)राम की जन्मभूमि अयोध्या (Ayodhya)का कायाकल्प होने जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को ग्रीनफील्ड (Greenfield)टाउनशिप अयोध्या का नाम दिया गया है. आवास एवं विकास आयुक्त (Housing and Development Commissioner)आयुक्त रणवीर प्रसाद ने ‘आजतक’ को बताया कि नई टाउनशिप में आवासीय भूखंडों के लिए लगभग 367 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है.
भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या का पूरी तरह से कायाकल्प होने जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश आवास विकास को दी गई है. आवास यूपी विकास नई अयोध्या के निर्माण में जुट गया है. इस पूरे प्रोजेक्ट को ग्रीनफील्ड टाउनशिप अयोध्या का नाम दिया गया है. लखनऊ-गोरखपुर राजमार्ग के दोनों किनारों पर 1407 एकड़ भूमि पर ग्रीनफील्ड टाउनशिप बनेगी. जहां कृतम झील से लेकर मठ, आश्रम, कॉटेज इंडस्ट्री वेयरहाउस और नामी गिरामी पांच सितारा होटल होंगे.
वहीं, आवास एवं विकास आयुक्त आयुक्त रणवीर प्रसाद ने ‘आजतक’ को जानकारी देते हुए बताया कि नई टाउनशिप में आवासीय भूखंडों के लिए लगभग 367 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है. जबकि, ग्रुप हाउसिंग 93 एकड़ में बनने वाली मठों और आश्रमों के लिए 55 एकड़ जमीन आवंटित की गई है. बाहरी देशों के अतिथि गृहों के लिए 60 एकड़ जमीन आवंटित की गई है.
साथ ही नई टाउनशिप में व्यावसायिक भूखंडों की भी व्यवस्था होगी, जिसमें 128 एकड़ जमीन कुटीर उद्योग और वेयर हाउस के लिए रखी गई है. पहले चरण में मठों और आश्रमों के लिए 28 भूखंड चिह्नित किए गए हैं. टाउनशिप में एक ऊंचा टावर भी बनेगा, जिससे श्रद्धालु राम मंदिर का वहां से दर्शन कर सकेंगे. ये टाउनशिप गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी की तर्ज पर बनेगी, जिसे “गिफ्ट-सिटी” के नाम से जाना जाता है.
हाउसिंग कमिश्नर ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि अलग-अलग राज्यों ने अयोध्या में जमीन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से संपर्क किया है. उत्तर प्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने पहले ही गुजरात को नई अयोध्या टाउनशिप में राज्य अतिथि गृह के लिए 6 हजार वर्ग मीटर जमीन आवंटित कर दी है. हाउसिंग बोर्ड को भूमि आवंटन के लिए पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के अलावा, सिक्किम, मध्य प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश और महाराष्ट्र से भी आवेदन प्राप्त हुए हैं.
आवास कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने आगे बताते हुए कहा कि भक्तों के लिए राम मंदिर खुलने के बाद अयोध्या में कई गुना भीड़ बढ़ जाएगी. ऐसे में भीड़भाड़ को कम और नियंत्रण में करने के लिए इस नए टाउनशिप परियोजना की परिकल्पना की गई है. इतना ही नहीं नई अयोध्या टाउनशिप को आध्यात्मिक रूप देने के लिए एक कृत्रिम झील भी होगी, जिसमें सरयू नदी का जल होगा और इस कृत्रिम झील की लंबाई लगभग 4 किलोमीटर से ज्यादा होगी. यह ब्लू और ग्रीन कॉरिडोर के नाम से जानी जाएगी. क्योंकि प्रकृति तौर पर पानी और आसमान नीला होगा और वहीं अगल बगल हरे भरे पेड़ों की हरियाली झील की शोभा बढ़ाएगी.
झील के निर्माण और इसे सरयू नदी से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रूड़की की मदद ली जाएगी. झील 430 एकड़ में फैली होगी. वहीं नई अयोध्या टाउनशिप परियोजना को दूसरे चरण में 442 एकड़ तक बढ़ाया जाएगा. आवास विकास आयुक्त ने आखिरी में बताया कि 22 जनवरी 2024 को प्रस्तावित राम मंदिर के भव्य उद्घाटन समारोह से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना की आधारशिला रखने की संभावना है.