रूसी संसद के उच्च सदन ने सैन्य केंद्रों पर निगरानी उड़ानों की अनुमति देने संबंधी एक अंतरराष्ट्रीय संधि से हटने के लिए बुधवार को मतदान किया। अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीने रूस को बताया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने ‘ओपन स्काई’ संधि में दोबारा शामिल नहीं होने का फैसला किया है। बता दें कि बाइडन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप ने इस संधि से अमेरिका को अलग कर लिया था। रूस के उच्च सदन के इस संधि से हटने के पक्ष में मतदान करने के बाद, अब इसे हस्ताक्षर करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पास भेजा जाएगा। अगर पुतिन इस पर हस्ताक्षर कर देते हैं तो इस फैसले को अमल में आने में छह महीने लगेंगे।
ओपन स्काई’ संधि का मकसद सैन्य बलों और गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए इसके सदस्य देशों के क्षेत्रों में टोही उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देकर रूस और पश्चिमी देशों के बीच भरोसे का निर्माण करना था। वर्ष 1992 में की गई इस संधि में तीन दर्जन से अधिक देश शामिल हैं। अमेरिका ने रूस को बताया: ओपन स्काइज हथियार नियंत्रण समझौते में फिर से नहीं होंगे शामिल बाइडन प्रशासन ने बृहस्पतिवार को रूस को सूचित किया कि अमेरिका एक प्रमुख हथियार नियंत्रण समझौते में फिर से शामिल नहीं होगा। अमेरिका ने रूस को यह स्पष्टीकरण ऐसे समय दिया है जब दोनों पक्ष अपने नेताओं के बीच अगले महीने होने वाली शिखर बैठक की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका की उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमेन ने रूस के अधिकारियों को बताया कि अमेरिकी प्रशासन ने ओपन स्काई संधि में फिर से प्रवेश नहीं करने का फैसला किया है जिसके तहत दोनों देशों में सैन्य इकाइयों पर निगरानी उड़ानों की अनुमति थी। इस संधि से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को अलग कर लिया था।