अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने अपनी किताब में दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मदद मांगी थी। उन्होंने कहा है कि पिछले साल 29 जून को ओसाका में जी20 समिट में ट्रम्प और जिनपिंग की मुलाकात हुई थी। इस दौरान ट्रम्प ने उनसे राष्ट्रपति चुनाव में मदद के लिए कहा था।
बोल्टन की आगामी किताब के कुछ अंश को वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बुधवार को प्रकाशित किया। इसमें बताया गया है कि पिछले साल जून में ओसाका में हुई जी-20 समिट के दौरान ट्रंप और शी के बीच बातचीत हुई थी। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने आश्चर्यजनक रूप से बातचीत को आगामी 2020 के चुनाव में बदल दिया था।
उन्होंने पुस्तक में वर्णन किया है कि ट्रंप ने बातचीत के दौरान किसानों के महत्व पर जोर दिया और चुनावी नतीजों के बाद सोयाबीन और गेहूं की चीनी खरीद को बढ़ाने पर बात की। उन्होंने कहा कि वह ट्रंप के शब्दों को शब्दश: प्रकाशित करना चाहते थे लेकिन सरकार की प्री-रिपब्लिकेशन समीक्षा ने ऐसा नहीं करने दिया।
पूर्व एनएसए ने कहा कि इसके बाद बातचीत वापस व्यापार समझौते पर आ गई और ट्रंप ने प्रस्तावित किया कि शेष यूएस डॉलर 350 बिलियन व्यापार असंतुलन (ट्रंप के अंकगणित द्वारा) पर अमेरिका टैरिफ नहीं लगाएगा। इसके बाद वह एक बार फिर चीन को कई अमेरिकी कृषि उत्पादों को खरीदने की चर्चा करने लगे।
बोल्टन की इस किताब का नाम ‘द रूम वेयर इट हैपंड: ए व्हाइट हाउस मेमोयर’ है। यह 23 जून को प्रकाशित होगी। ट्रंप प्रशासन ने इसके वितरण को रोकने के लिए मुकदमा दायर किया है। प्रशासन ने यह दावा किया है कि इसमें ऐसी कई वर्गीकृत जानकारी है जो राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करेंगी और पुस्तक का प्रकाशन अपूरणीय क्षति का कारण होगा।
बोल्टन का यह दावा ऐसे समय पर आया है जब ट्रंप 2020 के चुनाव के लिए चीन को केंद्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जर्नल में प्रकाशित अंश के अनुसार, शी के साथ इसी बैठक में चीनी नेता ने एक लाख उइगुर मुसलमानों को कैद करने के लिए बनाए गए शिविरों का बचाव किया था। ट्रंप ने शी को शिविर निर्माण को बढ़ाने के लिए कहा था।