हांगकांग की स्वायत्तता पर बीजिंग के अधिकारियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के साथ अमेरिका ने चीन और उसके मित्र पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में भी घेरा है। अमेरिका ने पाकिस्तान और चीन में धार्मिक स्वतंत्रता के अतिक्रमण को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। हालांकि, इस सूची में चीन और पाकिस्तान के अलावा अन्य 8 मुल्क और हैं, जहां धार्मिक स्वतंत्रता के अतिक्रमण पर सवाल उठाए गए हैं। धार्मिक आजादी के उल्लंघन के ओराप में इन मुल्कों को अमेरिकी विदेश विभाग ने विशेष निगरानी सूची में डाल दिया है। चीन और पाकिस्तान उन देशों की सूची में प्रमुखता से शामिल है, जिन्होंने अपने देश में एक खास धार्मिक समूहों के ऊपर हो रहे उत्पीड़न और भेदभाव को रोकने में विफल रहे हैं। खास बात यह है कि भारत लगातार पाकिस्तान में हिंदूओं पर हो रहे ज्यादती और जुल्मों पर सवाल उठता रहा है। इस लिहाज से यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। अमेरिका के इस कदम से भारत की यह बात सही साबित हुई है कि पाकिस्तान में हिंदुओं का निरंतर उत्पीड़न और शोषण किया जाता है।
10 मुल्कों को 1998 के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत कार्रवाई
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि दुनिया के 10 मुल्कों पर 1998 के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत सीपीसी के रूप में नामित किया गया है। इसके तहत उन देशों को शामिल किया गया है, जो अपने यहां धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर उदासीन हैं या उसके उल्लंघन या अतिक्रमण में खुद संलग्न हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इसमें चीन, पाकिस्तान, बर्मा, ईरान, नाइजीरिया, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और इरिट्रिया प्रमुख हैं। इस सूची में पांच एशियाई देश शामिल हैं। राज्य सचिव ने आगे बताया कि क्यूबा, निकारागुआ, कोमोरोस और रूस को भी एक विशेष निगरानी सूची में रखा गया है। इन मुल्कों पर भी धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघ के आरोप हैं।
सूडान और उजबेकिस्तान का नाम सूची से हटा
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया भर में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न और उनके साथ दुर्व्यवहारों की घोर निंदा करता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में इस भेदभाव के खिलाफ अमेरिका अपना अभियान जारी रखेगा। वह इस उत्पीड़न को समाप्त करने के लिए अथक प्रयास करता रहेगा। पोम्पिओ कहा कि अमेरिका का यह प्रयास रहेगा कि दुनिया के हर कोने पर प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार सुनिश्चित हो। उन्होंने आगे कहा कि सूडान और उजबेकिस्तान को पिछले साल उनकी सरकारों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण ठोस प्रगति के आधार पर विशेष निगरानी सूची से हटा दिया गया है।
निशाने पर खुंखार आतंकवादी संगठन
पोम्पिओ ने कहा कि 2016 के फ्रैंक आर वुल्फ इंटरनेशनल धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत इसके अतिरिक्त कुछ आतंकवादी संगठनों को भी शामिल किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से अल-शबाब, अल कायदा, बोको हरम, हयात तहरीर अल शाम, हौथिस, आइएसआइएस, आइएसएसआइएस ग्रेटर सहारा, आइएसआइएस पश्चिम अफ्रीका और तालिबान जैसे खुखांर आतांकवादी संगठनों को भी शामिल किया गया है।