अफगानिस्तान में तालिबानी राज के बाद शुरुआत में भले ही लोग डर गए थे, लेकिन अब विरोध में लोगों ने आवाज उठाना भी शुरू कर दिया है। तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन अफगानिस्तान के कई शहरों तक फैल गए हैं, जिसमें राजधानी काबुल भी शामिल है। आजतक की खबर के मुताबिक, लोगों को समझाने के लिए तालिबान ने देश के इमामों की मदद भी ली है। उनसे कहा गया है कि वे शुक्रवार की नमाज में लोगों से एकजुट रहने को कहा है।
खबर के मुताबिक, गुरुवार को ही कुनार प्रांत के असदाबाद में तालिबानियों ने विरोध कर रहे कुछ लोगों पर गोलीबारी की है, जिसमें कुछ लोगों की मौत हो गई है। ऐसा वहां मौजूद लोगों का कहना है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि लोगों की जान गोलीबारी से गई या फिर भगदड़ से। दूसरी तरफ काबुल में भी गोलीबारी की खबरें हैं। कहा गया कि वहां तालिबानियों ने हवा में गोलियां चलाई थीं।
एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि शुरुआत में वह बाहर आने से डर रहा था, लेकिन जब देखा कि मेरे पड़ोसी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, तो मैं भी शामिल हो गया। पूर्वी अफगान की बात करें तो वहां जलालाबाद शहर और पक्तिया प्रांत के एक जिले में विरोध प्रदर्शन तेज है।
बता दें कि 19 अगस्त 1919 के दिन ही अफगानिस्तान ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ था, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि इस बार आजादी का जश्न मनाने से पहले ही वहां तालिबान ने कब्जा जमा लिया। अपने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अफगान के प्रदर्शनकारी लोग काबुल में ‘हमारा झंडा, हमारी पहचान’ के नारे लगा रहे थे। इन लोगों के हाथ में अफगान का झंडा था और पुरुषों और महिलाओं ने हाथ में काली पट्टी बांधी हुई थी। कुछ अन्य जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने तालिबान का सफेद झंडा फाड़ तक दिया।