अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के हाथों में सत्ता आने और उसका दबदबा बढ़ने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि काबुल का पतन अमेरिकी इतिहास में बड़ी हार के तौर पर दर्ज होगा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि, जो बाइडेन ने अफगानिस्तान के साथ जो किया है वो महान है. यह एक बड़ी हार के तौर पर अमेरिकी इतिहास में दर्ज होगा. काबुल में राष्ट्रपति पैलेस पर तालिबान के कब्जे और अशरफ गनी के देश छोड़कर जाने की खबर के बाद ट्रंप ने यह बयान दिया.
काबुल में चल रहे घटनाक्रम पर व्हाइट हाउस की तरफ से कोई बयान नहीं आया था. व्हाइट हाउस के मुताबिक राष्ट्रपति जो बाइडेन कैंप डेविड में अपना वीकेंड बिता रहे हैं. उन्होंने शीर्ष सुरक्षा सलाहकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजनयिक निक्की हेली ने इस बाइडेन प्रशासन की विफलता करार दिया है. उन्होंने कहा कि हमेशा यह नहीं होता कि आप क्या कर रहे हैं, मायने यह रखता है कि आप कैसे कर रहे हैं. अफगानिस्तान मेें तालिबानियों के सामने गिड़गिड़ाकर वहां से अमेरिकियों को जाने की मांग करने की कभी किसी सैन्य परिवार ने सोची नहीं होगी. सैनिकों ने अपनी शहादत दी है. अब हमें पता है कि खतरा और बढ़ने वाला है.
फॉक्स न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि अगर मैं विदेश मंत्री होता और ट्रंप जैसा कमांडर इन चीफ होता तो तालिबान को समझ में आ जाता कि अमेरिका के खिलाफ जाने की भारी कीमत चुकानी पड़ती है. कासिम सोलेमानी को सीख दी गई थी. तालिबान भी अबतक सबक सीख चुका होता. सीएनएन पर विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका ने तालिबान से कोई मांग नहीं की है. हमने तालिबान से कहा है कि हमारे ऑपरेशन में अगर दखल हुआ तो उसका करार जवाब दिया जाएगा. ब्लिंकन ने राष्ट्रपति बाइडेन की अफगान नीति का बचाव किया.