इस साल का पहला सूर्य ग्रहण(first solar eclipse) 30 अप्रैल को लगेगा. इस दिन वैशाख अमावस्या भी है. शनिवार दिन होने के कारण इसे शनि अमावस्या (Shani Amavasya) भी कहते हैं. ज्यादातर समय सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि को लगता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य अपनी कक्षा में भ्रमण करता रहता है, लेकिन जब सूर्य और पृथ्वी के मध्य चंद्रमा आ जाता है तो हम लोगों को सूर्य दिखाई नहीं देता है, इसे ही सूर्य ग्रहण कहते हैं. इस बार सूर्य ग्रहण, 30 अप्रैल दिन शनिवार ( Saturday)को देर रात 12 बजकर 15 मिनट पर प्रारंभ होगा. इसका समापन 01 मई दिन रविवार को सुबह 04 बजकर 07 मिनट पर होगा. सूर्य ग्रहण का मोक्ष काल सुबह 04:07 बजे है. यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. 30 अप्रैल को लगने वाला सूर्य ग्रहण अटलांटिक, अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा.
सूर्यग्रहण के दिन जरूर करें ये काम
खाने की चीजों पर डालें तुलसी
मान्यता है कि दूध, घी, तेल, पनीर, अचार, मुरब्बा और भोजन सामग्रियों में तिल, कुश या तुलसीपत्र डाल देने से ये ग्रहण काल में दूषित नहीं होते. सूखे खाद्य पदार्थ में तिल या कुशा डालने की जरूरत नहीं होती है.
ग्रहणकाल में सूर्य की उपासना जरूर करें
ग्रहणकाल में भगवान सूर्य (lord sun) की उपासना के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्याष्टक स्तोत्र आदि सूर्य स्तोत्रों का पाठ व गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए. ग्रहणोंपरांत स्नान-दान का भी महत्व है. ग्रहण जहां जितने समय तक दिखाई देता है, वहीं उसकी मान्यता उतने काल तक ही होती है.
ग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
नकारात्मक शक्तियों का नाश करने के लिए
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभ
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
अगर आप ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करते हैं तो नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और शत्रुओं पर विजय मिलती है. आप इस मंत्र को सूर्य ग्रहण के दौरान माला के साथ जाप करें.
धन लाभ के लिए
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
अगर आप ग्रहण के दौर इस मंत्र का जाप करेंगे तो मां लक्ष्मी खुश होंगी और जाप का लाभकारी असर पड़ेगा. धन लाभ की भी संभावना बनेगी.
बुरी शक्तियों के नाश के लिए
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
ग्रहण के समय इस मंत्र के जाप से बुरी शक्तियों का नाश होता है और ग्रहण काल के बुरे प्रभावों से रक्षा होती है.
शांति कायम करने के लिए
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करने से शांति कायम होती है और राहु-केतु के प्रकोप शांत किये जा सकते हैं.
सिद्धि प्राप्त करने के लिए
ॐ मां भयात् सर्वतो रक्ष, श्रियं वर्धय सर्वदा। शरीरारोग्यं मे देहि, देव-देव नमोऽस्तु ते।।
ग्रहण के वक्त अगर आप इस मंत्र का जाप करें तो सिद्धि प्राप्त होती है.
सूर्यग्रहण के दिन न करें ये काम
खाना न खाएं
कई वैज्ञानिक शोध में यह बात कही जा चुकी है कि ग्रहण के समय मनुष्य की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. ऐसे में पेट में दूषित भोजन और पानी जाने पर बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है. मान्यता है कि ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए. कुशा और तुलसी में ग्रहण के समय पर्यावरण में फैल रहे जीवाणुओं को संग्रहित करने की अद्भुत शक्ति होती है.
ग्रहण की छाया से बचें
चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से ग्रहण की छाया पड़ने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें बेहद हानिकारक होती हैं, जिसका प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है.
पूजा-पाठ न करें
कहा जाता है कि ग्रहण के समय पूजा पाठ नहीं करना चाहिए. यही कारण है कि कई मंदिरों में भी मंदिर के कपाट ग्रहण के समय बंद कर दिए जाते हैं. ऐसे में पूजा, उपासना या देव दर्शन करना वर्जित होता है इसलिए आप अपने मन में ईश्वर को याद करें.
शारीरिक संबंध न बनाएं
ग्रहण के समय कभी भी पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए. कहा जाता है कि इस समय बनाए गए शारीरिक संबध से पैदा हुए बच्चे को जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है.