हस्तरेखा शास्त्र (Hast Rekha Shastra) में शादी-विवाह और मैरिड लाइफ के बारे में जानने के लिए विवाह रेखा (Vivah Rekha) को अहम माना गया है. इस रेखा की लंबाई, मोटाई, स्पष्टता के अलावा यह रेखा किस पर्वत तक जाती है या इसे रेखाएं क्रॉस करती हैं, इन सब बातें विशेष संकेत देती हैं. विवाह रेखा बताती है कि व्यक्ति की मैरिड लाइफ (Married Life) कैसी रहेगी, उसे सुख मिलेंगे या समस्याएं होंगी. साथ ही उसे कैसा जीवनसाथी (Life Partner) मिलेगा. हथेली में विवाह रेखा सबसे छोटी उंगली के नीचे होती है. यह बुध पर्वत पर हथेली के बाहर से अंदर की ओर आती है.
ऐसे चेक करें अपनी मैरिड लाइफ
– विवाह रेखा स्पष्ट और गहरी हो तो बहुत अच्छा होता है. यदि विवाह रेखा कटी हो, कई रेखाओं से मिलकर बनी हो या हल्की हो तो मैरिड लाइफ में मुश्किलें आती हैं.
– विवाह रेखा यदि हृदय रेखा के पास हो तो ऐसे जातकों की शादी करीब 20 साल की उम्र में ही हो जाती है, वहीं हृदय रेखा से दूरी देर से शादी होने का इशारा देती है.
– यदि विवाह रेखा सूर्य पर्वत की ओर जाए तो व्यक्ति की शादी बहुत संपन्न परिवार में होती है.
– एक से ज्यादा छोटी-छोटी विवाह रेखाएं प्रेम संबंधों को दर्शाती हैं.
– बुध पर्वत पर विवाह रेखा कई भागों में बंट जाए तो यह सगाई टूटने का संकेत होता है.
– यदि महिला के हाथ में विवाह रेखा की शुरुआत वाली जगह पर कोई चिन्ह हो तो उसके साथ शादी में धोखा हो सकता है.
– यदि शुक्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर विवाह रेखा तक जाए तो ऐसे व्यक्ति की शादी दुखों का कारण बनती है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं.)