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सहारनपुर मंडल की 18 चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 2112 करोड़ रूपए गन्ना भुगतान बकाया : भगत सिंह वर्मा

रिपोर्ट- गौरव सिंघल,विशेष संवाददाता,दैनिक संवाद, सहारनपुर मंडल,उप्र:।।
सहारनपुर (दैनिक संवाद न्यूज)।भाकियू कार्यालय पर एक बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि सहारनपुर मंडल की 18 चीनी मिलों मंडल के गन्ना किसानों का 2112 करोड़ रुपए गन्ना भुगतान और पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज 1650 करोड रुपए बकाया है। जिसे दिलाने के लिए भाजपा की प्रदेश सरकार चुप्पी साधे बैठी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि सहारनपुर जिले की 7 चीनी मिलों पर जिले के गन्ना किसानों का 633 करोड रुपए गन्ना भुगतान और पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज 570 करोड रुपए बकाया है।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा की योगी सरकार ने दावा किया था कि हम चीनी मिलों से गन्ना किसानों को 14 दिन के अंदर गन्ना भुगतान दिलाएंगे और ब्याज का भी भुगतान कराएंगे। भाजपा की योगी सरकार किसान विरोधी है और चीनी मिल मालिकों से सांठगांठ करके मोटी रकम वसूल रही है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि शुगर कंट्रोल ऑर्डर 1966 के नियम के अनुसार 14 दिन के अंदर चीनी मिलों को गन्ना भुगतान कर देना चाहिए जो चीनी मिले 14 दिन के अंदर गन्ना भुगतान नहीं करती हैं उन्हें 15% वार्षिक दर से गन्ना किसानों को ब्याज का भुगतान करना चाहिए। चीनी मिलों से गन्ना किसानों को ब्याज का भुगतान करने के लिए माननीय हाईकोर्ट व माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश किए हुए हैं। लेकिन प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी और प्रदेश सरकार प्रदेश के गन्ना किसानों को ब्याज का भुगतान नहीं करा रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि गन्ना किसानों की गन्ना उत्पादन करने की लागत लगातार बढ़ती जा रही है क्योंकि कृषि यंत्र कीटनाशक दवाई, खाद, डीजल, मजदूरी सभी महंगी होने के कारण गन्ने की लागत ₹450 कुंतल आ रही है।
भाजपा की योगी सरकार गन्ने का लागत मूल्य भी प्रदेश के गन्ना किसानों को नहीं दिला रही है जिसके कारण प्रदेश के गन्ना किसान भारी कर्ज के बोझ के तले दब चुके हैं। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदेश के गन्ना किसानों को आसानी से नकद ₹600 कुंतल गन्ने का लाभकारी रेट दिया जा सकता है। गन्ना किसानों को सरकार चीनी मिलों से खोई के बराबर भी दाम नहीं दिला रही है। जिससे प्रदेश के गन्ना किसानों में भारी रोष व्याप्त है और गन्ना किसान गांव गांव जिले जिले पूरे प्रदेश में प्रचार करके भाजपा को 2024 लोकसभा चुनाव में वोट नहीं देंगे। भगत सिंह वर्मा ने प्रदेश सरकार चीनी मिल मालिकों गन्ना विभाग को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही गन्ना किसानों को गन्ना भुगतान व ब्याज और गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंतल नहीं दिलया गया तो प्रदेश के गन्ना किसान एकजुट होकर जाति बिरादरी और धर्म से ऊपर उठकर बड़ा आंदोलन करेंगे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित नीरज कपिल ने कहा कि गन्ना प्रदेश की आर्थिक रीढ़ है और गन्ने से प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष 50 हजार करोड़ रुपए का राजस्व एक्साइज ड्यूटी के रूप में प्राप्त होता है। यदि सरकार चाहे तो इसमें से भी सौ रुपए कुंतल प्रदेश के गन्ना किसानों के बैंक खातों में सीधा डालकर गन्ना किसानों की मदद कर सकती है। पंडित नीरज कपिल ने कहा कि इसके अलावा गन्ने से शीरा और शीरा से अल्कोहल और अल्कोहल से हजारों उत्पाद बनते हैं जिनसे प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ रुपए से अधिक राजस्व प्राप्त होता है। गन्ना उत्पादन करना गन्ना किसानों के लिए कड़वाहट भरा है। गन्ना किसानों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे आना चाहिए। बैठक का संचालन करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा के प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक ने कहा कि इस बार गन्ने में भारी रोग अभी से आ चुके हैं जिसके लिए गन्ना विभाग और चीनी मिल कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। गन्ने की फसल को बचाने के लिए गन्ना विभाग प्रदेश सरकार और चीनी मिलों को आगे आकर गन्ना किसानों की मदद करनी चाहिए। बैठक में प्रदेश सचिव ऋषिपाल, मंडल उपाध्यक्ष सरदार गुरविंदर सिंह बंटी, जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद वसीम जहीरपुर, जिला मंत्री महबूब हसन, रविंद्र प्रधान, सुधीर चौधरी, नीरज सैनी, प्रधान हाजी बुद्धू हसन, हाजी सुलेमान, जोगेंद्र सिंह, हरपाल सिंह, डॉक्टर यशपाल त्यागी, सुभाष त्यागी, मांगेराम सैनी नैन सिंह सैनी आदि ने भाग लिया।