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शिक्षक भर्ती घोटाले के टॉपर से जुड़े तार, परीक्षा रद्द होने के आसार!

देश में कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पूरा विभागीय प्रशासन सकते में आ गया. दरअसल हाल ही में आए शिक्षक भर्ती रिजल्ट को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते दिनों शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े पांच लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें एक शख्स तो पहले विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका था, पुलिस को अभी मेन सरगने की तलाश है जो इन सब घोटाले का मास्टमाइंड है. इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने शिक्षक भर्ती घोटाला में परीक्षा के टॉपर को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि इस आरोपी को प्रयागराज के सोरावं थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस मामले में 50 से अधिक अभ्यर्थियों की तलाश पुलिस अभी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, अभ्यर्थी 8 से 10 लाख रुपए देकर पास हुए हैं. जो अपने आप में ही किसी बड़े घोटाले के संकेत हैं.

इस मामले में एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने 5 जून को बताया था कि प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह ने सोरांव थाने में पूर्व जिला पंचायत डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिनपर आरोप लगाया था कि 69000 सहायक शिक्षा भर्ती घोटाले में आरोपियों ने परीक्षा पास कराने के लिए 7.50 लाख कैश दिया था.

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बताया जा रहा है कि इस घोटाले के बाद प्रयागराज के दर्जनों सेंटरों पर हुई परीक्षा पूरी तरह से रद्द हो सकती है. दरअसल, एक खबर आई थी कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में 150 में से 142 नंबर पाने धर्मेंद्र कुमार पटेल को देश के राष्ट्रपति का नाम तक नहीं पता है. धर्मेंद्र जनरल नॉलेज के आसान सवालों के भी जवाब नहीं दे सके.

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इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाला उत्तर प्रदेश का व्यापम घोटाला है. इस मामले में गड़बड़ी के तथ्य सामान्य नहीं हैं. डायरियों में स्टूडेंट्स के नाम, पैसे का लेनदेन, परीक्षा केंद्रों में बड़ी हेरफेर, इन गड़बड़ियों में रैकेट का शामिल होना. ये सब दर्शाता है कि इसके तार काफी जगहों पर जुड़े हैं.

वहीं, प्रयागराज एएसपी अशोक वेंकटेश ने कहा था कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ है. उन्होंने बताया कि टॉपर लिस्ट में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों के पास से मिली डायरी में परीक्षा में बैठे 20 लोगों के नाम सामने आए. इसमें से 18 लोगों के सलेक्ट होने की बात सामने आई है.

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एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के मुताबिक, एक जून को रिजल्ट आया तो पता चला कि राहुल का नाम उसमें नहीं है. इसके बाद पीड़ित ने पुलिस अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई थी. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आठ नामजद आरोपियों में 7 को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की. उनके पास से 756000 नकद और अन्य डाक्यूमेंट्स मिले थे. हालांकि प्रशासन पूरी तरह से बड़े स्तर पर छापेमारी कर रहा है. पुलिस के मुताबिक रोज नई जानकारी सामने आ रही हैं, जिलों में इन अभ्यर्थियों की तलाश की जा रही है जो रिश्वत देकर परीक्षा पास किए हैं.