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विधायक बोले – हम कर रहे कोरोना मरीजों का इलाज, संक्रमित महिला को जरनल वार्ड में ही कर दिया भर्ती

भाजपा के विधायक के दवाब में कोविड मरीज को जनरल वार्ड में ही भर्ती कर दिया गया. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां अस्पताल प्रबंधन का यह मामला है. अस्पताल प्रबंधन स्टाफ ने 20 से 26 मई तक विधायक के पीए की कोरोना पॉजिटिव 60 वर्षीय महिला मरीज को दाखिल किया था और जब स्टाफ को पता लगा कि जिसका इलाज चल रहा है, वह पॉजिटिव (Positive) है तो उनके होश उड़ गए. अस्पताल प्रबंधन ने 7 दिन बाद 26 मई को अचानक मरीज को डिस्चार्ज कर दिया. आरोप है कि मरीज को नगरोटा बगवां के भाजपा विधायक अरुण मेहरा कूका के निवेदन पर दाखिल किया था.

जानकारी के अनुसार, मरीज की आयुर्वेदिक अस्पताल पपरोला में 15 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. परिजनों ने उसे 19 मई को वहां से डिस्चार्ज करवाया और नगरोटा अस्पताल ले आए. यहां बनी पर्ची पर लिखा गया कि मरीज 15 मई को पॉजिटिव आया है, लेकिन 20 मई सुबह मरीज को नेगेटिव बताकर दाखिल किया गया. एडमिशन फाइल पर भी मरीज को पोस्ट कोविड दर्शाया गया, जबकि उपचार के दौरान मरीज को कोरोना के इलाज की दवाइयां दी गईं, जो फाइल पर डाक्टर ने लिखी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि मरीज 4 दिन में कैसे निगेटिव हो जाएगा, जबकि स्वास्थ्य विभाग संक्रमित मरीज के नियम अलग हैं. अस्पताल के एसएमओ हरि राज ने दावा किया है कि हमारे पास मरीज की निगेटिव रिपोर्ट थी, इसलिए उसे भर्ती किया. मरीज को सांस लेने में तकलीफ और शुगर ज्यादा थी. विधायक अरुण मेहरा ने बताया कि क्षेत्र के हर शख्स की जान बचाना उनका कर्तव्य है. हमने कोरोना मरीजों के लिए नगरोटा बगवां अस्पताल में 10 बेड लगाए हैं. यहां पर हमने कई कोरोना मरीजों का इलाज किया है. सीएमओ जीडी गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी है. नगरोटा बगवां अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज की सरकार ने कोई अधिसूचना जारी नहीं की है.