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विधानसभा में फिर नीतीश कुमार बोले- शराब पियोगे तो मरोगे, दारू से मौत पर मुआवजा नहीं

बिहार के सारण जिले में शराब से होने वाली मौतों पर सड़क से लेकर सदन तक मचे बवाल के बीच एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान दिया है. छपरा शराबकांड पर बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराब से होने वाली मौतों पर सरकार मुआवजा नहीं देगी. विधानसभा सत्र के दौरान सारण शराबकांड पर हंगामे के बीच नीतीश कुमार ने दोहराया कि शराब पियोगो तो मरोगे ही. उन्होंने शराबबंदी को सही साबित करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण का भी जिक्र किया. बता दें कि छपरा में जहरीली शराब से अब तक आधिकारिक तौर पर 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि स्थानीय लोगों के मुताबिक यह आंकड़ा 50 पार है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा सत्र के दौरान सीपीआई विधायक सतेंद्र कुमार की मुआवजा देने मांग पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जो पीकर मरेगा, उसको एक पैसा का मुआवजा नहीं देंगे. दरअसल, सीपीआई विधायक सतेंद्र कुमार ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की थी. नीतीश कुमार ने कहा कि हमसे शराब से हो रही मौत को लेकर पूछा जा रहा है कि यह मौत कब तक रुकेगी? हम तो कहेंगे कि साफ शब्दों में लिखा है कि शराब के सेवन से मौत होगी.

शुक्रवार को बिहार विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार इस पूरे मामले को लेकर गंभीर है और इस शराबकांड में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने भाजपा पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि जो लोग देश में राज कर रहे हैं, उनके राज्य में क्या हाल है, वहां भी तो शराबबंदी है. आज हम अलग हो गए तो हल्ला कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब शराबबंदी लागू था तब भी और आज जहां यूपी और मध्य प्रदेश जैसे दूसरे राज्यों में शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब से मौत तो हो रही है. एक बात हम फिर लोगों के बीच जाकर बताएंगे कि शराब को लेकर जो कह रहे हैं, वो गलत कर रहे हैं. जो पीकर मरेगा उसको हम मुआवजा में एक पैसा नहीं देंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण भी शराब के खिलाफ थे और मुसलमान भी.

इससे पहले जहरीली शराब पर मचे हाहाकार के बीच नीतीश कुमार ने गुरुवार शाम जनता दल (यूनाइटेड) विधायक दल की बैठक ली थी और इस बैठक में उन्होंने विधायकों से पूछा था कि क्या शराब बंदी खत्म करे दें?’ इस पर सभी विधायकों ने एक सुर में कहा कि किसी भी कीमत पर शराब बंदी खत्म नहीं करनी चाहिए. गौरतलब है कि छपरा में बीते तीन दिनों में जहरीली शराब ने हाहाकार मचा दिया है. जहरीली शराब पीने से अधिकारिक रूप से 30 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, यह आंकड़ा 50 से भी अधिक बताया जा रहा है.