केंद्र सरकार (Central government) ने पेंशन के नियमों में कुछ बदलाव किये हैं। सरकार ने सिविल सेवकों के लिए देश की आंतरिक सुरक्षा के चलते यह निर्णय लिया है। इसके अनुसार, सिक्योरिटी और इंटेलीजेंस ऑर्गेनाइजेशन के रिटायर्ड अधिकारियों को अपने ऑर्गेनाइजेशन हेड की अनुमति के बिना संस्थान से संबंधित कुछ भी प्रकाशित नहीं कर सकते हैं। इसका मतलब है कि पेंशन नियमों (Pension Rules) में संसोधन के बाद, खुफिया या सुरक्षा से संबंधित संगठनों से रिटायर्ड ऑफिसर्स बिना अनुमति किसी भी कंटेंट को प्रकाशित नहीं कर सकते हैं। यदि वे बिना इजाजत के ऐसा करते हैं तो उनकी पेंशन को रोक दिया जायेगा।
संशोधित नियमों के मुताबिक, जिम्मेदार अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का अधिकार होगा कि प्रकाशन के लिए प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या असंवेदनशील है। यह भी देखेंगे कि यह सामग्री संगठन के क्षेत्राधिकार में आता है या नहीं आता है। संबंधित संगठन के प्रमुख यह तय करेंगे कि प्रकाशन के लिए मामला संवेदनशील है या नहीं या ऑर्गेनाइजेशन के शासन-क्षेत्र में आता है।
केंद्रीय सिविल सेवा (Pension) नियम, 1972 में संशोधन करते हुए डीओपीटी ने एक धारा जोड़ी है। इसमें लिखा है कि सेवानिवृत्ति पर आरटीआई अधिनियम की दूसरी अनुसूची में शामिल संगठनों में काम करने वालों को ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख से पहले अनुमति के बिना संगठन के डोमेन से संबंधित कुछ भी प्रकाशित करने की इजाजत नहीं दी सकती।
इन संस्थानों पर ये नियम होंगे लागू
संशोधित नियम इंटेलीजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल,सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सीबीआई, राजस्व खुफिया निदेशालय, एविएशन रिसर्च सेंटर, सीमा सुरक्षा बल, स्पेशल फ्रंटियर फोर्स, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड, असम राइफल्स, सशस्त्र सीमा बल, स्पेशल ब्रांच (सीआईडी), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, अंडमान और निकोबार, बॉर्डर रोड़ डेवलपमेंट बोर्ड, क्राइम ब्रांच-सीआईडी-सीबी, और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के संस्थानों के कर्मचारियों पर लागू किया गया है।