शराब की दुकान के विरोध में लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया.इस घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा.इस प्रकार की घटनाएं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा भोपाल में शराब की दुकान पर पत्थर फेंकने के बाद बढ़ती जा रही हैं.
तीन बार बदल चुके हैं दुकान की जगह
उज्जैन में महामृत्युंजय द्वार के समीप शराब की दुकान खोलने के दौरान विगत दिवस लोगों ने तोड़फोड़ और हंगामा किया था.इसके बाद दुकान को थोड़ी दूर पर स्थापित करने की कोशिश की गई.यहां भी उज्जैन विकास प्राधिकरण के हस्तक्षेप के बाद दुकान के स्थान को बदल दिया गया.शराब ठेकेदार अजय तिवारी के मुताबिक इलाके में स्थित व्यवसायिक क्षेत्र में जब दुकान खोली गई तो यहां भी लोगों का विरोध जारी है.कुछ महिलाओं ने शराब की दुकान पर पहुंचकर पत्थर फेंके.इस दौरान हाथापाई की नौबत तक आ गई.पत्थरबाजी की घटना में शराब ठेकेदार के कर्मचारी को चोट भी आई.घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति पर काबू पाया. इस मामले में हंगामा कर रहे कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया. इस इलाके में रहने वाली नम्रता व्यास ने बताया कि पहले यह दुकान महेश विहार में खोली जा रही थी,वहां लोगों का विरोध हुआ तो दुकान का स्थान बदल दिया गया.अब उनके घर के समीप शराब की दुकान खोलने की कवायद की जा रही है.इससे लोगों का जीना दूभर हो जाएगा.इसी को लेकर विरोध जारी है.
क्या कहना है पुलिस का
सीएसपी ओपी मिश्रा ने बताया कि यदि इलाके के लोगों को किसी प्रकार की आपत्ति है तो वे लिखित रूप से प्रशासनिक अधिकारियों और आबकारी अधिकारी को अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. लेकिन पत्थर फेंक कर कोई कानून हाथ में नहीं ले सकता है. उन्होंने बताया कि कानून हाथ में लेने की खबर मिलने के बाद पुलिस बल को मौके पर तैनात कर दिया गया. शराब की दुकान को लेकर चल रहे विरोध की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया था. महिला पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष रूप से तैनात किया गया है.
महिलाओं की रोल मॉडल बनीं उमा भारती
उल्लेखनीय है कि शराब की दुकानों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भोपाल में एक दुकान पर पत्थर फेंककर प्रदर्शन किया था. इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने आबकारी नीति बदलते हो हुए अहाते बंद कर दिए. भारती के प्रदर्शन के बाद मध्य प्रदेश में शराब की दुकान के खिलाफ महिलाओं के प्रदर्शन जारी है. उज्जैन में भी आबकारी नीति लागू होने के बाद महिलाओं के तीन बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं. इन प्रदर्शनों में खास बात यह रही कि दुकानों पर पत्थर फेंके गए. उमा भारती के प्रदर्शन के पहले इस प्रकार की घटनाएं सुनने और देखने को नहीं मिलती थीं.