पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के दबाव में घुटने टेकने को मजबूर हो गए हैं और उन्होंने पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने मोस्ट वॉन्टेड की नई सूची में मुंबई हमले में शामिल 11 आतंकियों के नाम को दर्ज किया है। इसके अलावा इन आतंकियों के ठिकाने को बताने पर इनाम भी दिया जाएगा।
दरअसल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में भारत की सफल कूटनीति से पाकिस्तान इन दिनों घिरा हुआ है। FATF की बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही रखने पर सहमति बनी थी, क्योंकि उसने आतंकवाद के खिलाफ कोई काम नहीं किया। एफएटीएफ का कहना है कि पाकिस्तान ने हमारे 27 कार्ययोजनाओं में से आज तक केवल 21 को ही पूरा किया है। बता दें कि FATF एक ऐसा संगठन है, जो वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को फंडिंग मिलने को रोकने के लिए बनाया गया है।
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी भी पाकिस्तान की सरजमीं से गतिविधियां चला रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की उसकी प्रतिबद्धता से संतुष्ट नहीं हैं। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को कई बार खरी-खोटी सुना चुके हैं। इतना ही नहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ इमरान खान ने मोर्चा खोलकर आतंकवाद के खिलाफ अपने स्टैंड को साफ कर दिया है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसे फ्रांस की राजधानी पेरिस में जी7 समूह के देशों द्वारा 1989 में स्थापित किया गया था। इसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग), सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगाह रखना है।