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मनीष सिसोदिया ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, अब हिमंत बिस्वा सरमा करेंगे मानहानि का केस

अमस के मुख्‍यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शनिवार असम के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप (allegations of corruption) लगाए थे, जिसके बाद अब हिमंत बिस्वा सरमा ने तीखा पलटवार किया है। हिमंत सरमा ने ट्वीट (Tweet) कर कहा कि वो मनीष सिसोदिया पर आपराधिक मानहानि का केस करेंगे।

अमस सीएम करेंगे आपराधिक मानहानि का केस

मनीष सिसोदिया के भ्रष्टाचार के आरोपों पर पलटवार करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वो मनीष सिसोदिया पर आपराधिक मानहानि का केस करेंगे। अमस सीएम ने अपने ट्वीट में लिखा कि सिसोदिया उपदेश देना बंद करें और मैं आपको जल्द ही गुवाहाटी में देखूंगा क्योंकि अब आपको क्रिमिनल डिफेमेशन का सामना करना होगा।

सरमा ने अपने ट्वीट में लिखा कि कोरोना के वक्त सिसोदिया ने बिल्कुल दूसरा रूप दिखाया था। मैंने दिल्ली में फंसे असम के लोगों की मदद के लिए सिसोदिया को बार-बार फोन किया पर उन्होंने मेरे फोन का जवाब नहीं दिया। सरमा ने आगे लिखा कि मैं एक घटना बिल्कुल नहीं भूल सकता, जब मुझे कोविड से मारे गए असम के एक नागरिक की डेडबॉडी दिल्ली के मॉर्चुरी से लेने के लिए सात दिन इंतजार करना पड़ा।

सिसोदिया ने सरमा पर लगाए करप्शन के आरोप

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि भारत 2020 में जब कोविड महामारी से जूझ रहा था, तब असम के स्वास्थ्य मंत्री रहे हिमंत बिस्व सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को पीपीई किट की आपूर्ति करने के लिए ठेके दिये थे।

सिसोदिया ने कहा कि असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से पीपीई किट खरीदी। उन्होंने कहा कि सरमा ने ‘‘कोविड-19 आपात स्थिति का लाभ उठाते हुए’’ अपनी पत्नी और बेटे के व्यापारिक साझेदारों की कंपनियों को एक पीपीई किट 990 रुपये के हिसाब से तत्काल आपूर्ति करने के आदेश दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरमा की पत्नी की फर्म चिकित्सा उपकरणों का कारोबार भी नहीं करती है।

दिल्ली के डिप्टी सीएम ने एक खबर के हवाले से कहा, ‘‘हालांकि सरमा की पत्नी की फर्म को दिया गया अनुबंध रद्द कर दिया गया था, क्योंकि कंपनी पीपीई किट की आपूर्ति नहीं कर सकती थी, एक अन्य आपूर्ति आदेश उनके बेटे के व्यापारिक साझेदारों से संबंधित कंपनी को 1,680 रुपये प्रति किट की दर से दिया गया था।’’