जैसे ही लोगों के जेहन में जेल(Jail) का नाम आता है तो उनको तकलीफ और हथकड़ी की याद आने लगती है. लेकिन अब जेल पूरी तरीके से बदल चुका है. जेल(Jail) अब उस तरीके का नहीं रह गया हैं, जैसे हम लोग सोचते थे और वास्तविक रूप में पहले जेल होता था. अब जेल जबरन वसूली और अय्याशी का एक सरकारी अड्डा बन चुका है. ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों में दिल्ली के तिहाड़ जेल (Jail)में चल रहा खेल सबके सामने आ गया है, जिसको देखकर सभी लोग हैरान हैं और यही सोच रहे हैं कि अपराधी अब बाहर रहने की जगह अंदर रहना ही पसंद करेगा.
यह वजह है कि ज्यादातर गैंगस्टर जेल के अंदर है ही अपने जुर्म का बिजनेस चला रहे हैं. जेल में बंद अपराधी करोड़ों अरबों का बिजनेस करने के साथ-साथ जेल की बंद कालकोठरी में जमकर शराब पार्टी भी करते दिखाई दिए हैं. आखिर जेल में ये खेल कैसे चल रहा है आइए जानते हैं-
जेल में रहकर ही कैदी के पास आए 200 करोड़
ज्ञात हो कि दिल्ली की रोहिणी जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) एआईएडीएमके (AIADMK) पार्टी के चुनाव निशान मामले में आरोपी पाए गए थे, इनको दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अरेस्ट किया था .उसने लोगों से जेल में रहकर 200 करोड़ रुपए की वसूली की. अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उसके चेन्नई स्थित घर पर छापा मारा और अरबों की संपत्ति जब्त की.इस मामले पर सुकेश चंद्रशेखर की पत्नी लीना मारिया पॉल से पूछताछ भी की गई, रीना मलयालम फिल्मों की एक्ट्रेस है और हिंदी मद्रास कैफे में भी काम कर चुकी हैं. पुलिस ने इस मामले में दो कर्मचारियों के साथ 4 लोगों को अरेस्ट कर लिया है.चंद्रशेखर जेल के अंदर बैठकर कॉल के जरिए लोगों से अरबों की वसूली करता है.
जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए गए सवाल
आखिर जेल की सुरक्षा किस तरह की है, इसका अंदाजा उस वीडियो को देखकर लगाया जा सकता है कि जेल के अंदर के सेल में बैठकर कुछ कैदी बड़े आराम से शराब की पार्टी कर रहे हैं और आराम से सिगरेट पीते दिख रहे हैं. खाने पीने में भी उनके कोई कमी नहीं है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक कैदी की पहचान गैंगस्टर नवीन बाली के रूप में की जा रही है जिसको कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवानिया का बहुत करीबी माना जाता है.
यह भी कहा जा रहा है कि यह वीडियो बीते दिनों का है और दिल्ली की मंडोली जेल का है. इस मामले की जानकारी मिलने के बाद ही प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए. इसमें ये पता लगाया जा रहा हैआखिर खाने-पीने की सारी चीजें जेल के अंदर कैसे पहुंची और कैदियों के पास मोबाइल कहां से आ रहा है .
पहले भी किए गए सवाल
यह पहली बार नहीं हुआ है कि जेल के अंदर से जबरन वसूली और मोबाइल इस्तेमाल करने की जानकारी मिली है. इसके पहले भी कई बार जेल प्रशासन ने कैदियों के पास ही दर्जनों मोबाइल में इकट्ठा किए. तो वहीं जेल के अंदर से आने वाली एक्सटॉर्शन की कॉल के बाद पीडितो ने कई बार पुलिस में एफ आई आर दर्ज करवाई. स्पेशल सेल ने रेड अलर्ट करके गए बदमाशों के पास से मोबाइल जब्त किए और जेल के अंदर से चलने वाले पूरे खेल को एक संगठित अपराध बताया.
सोशल मीडिया है सबसे बड़ा हथियार
अपराधियों के तरीकों को सोशल मीडिया ने पूरी तरीके से बदल दिया है . जेल के अंदर बैठ कर अपराधी अपना फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब इसी के साथ साथ अपने जेल से कोर्ट जाने तक का पूरा वीडियो खुद ही डालते हैं या फिर किसी से डलवा लेते हैं, जिसमें इन लोगों को किसी हीरो से कम नहीं दिखाया जाता है. उनकी दहशत को भी बहुत ही जोर शोर से भड़काया जाता है. सोशल मीडिया की बदौलत ही ये सब हो पाता है .
इस बारे में पुलिस से जानकार लोग का कहना है कि इस तरह के लोग अपने ग्लैमर वर्ल्ड का अंडरवर्ल्ड डॉन दिखाकर दिल्ली के बिजनेसमैन को अपने नाम के डर से वसूली करना चाहते हैं और यही वजह है कि सोशल मीडिया पर इनके हजारों फॉलोअर हैं, क्योंकि जेल के अंदर सरकारी सुरक्षा में रहकर जेल के अंदर से ही लाखों करोड़ों रुपए कमा लेना है बल्कि जेल के अंदर पार्टी भी करना बड़ी बात है .
अब इतना पर्दाफाश होने के बाद सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जेल प्रशासन की बिना मिलीभगत के यह सब पॉसिबल कैसे हो सकता है. यह बात भी हो रही है कि अपराधी जेल से बाहर हो या जेल के अंदर उनके निशाने पर तो आज भी आम नागरिक की है.