बिहार में इन दिनों चुनावी दावों पर विराम लगनी शुरु हो गई है. जहां एक ओर बीजेपी से टिकट नहीं मिलने से नाराज 9 बीजेपी उम्मीदवारों ने एलजेपी से दावेदारी की तो बीजेपी ने उन्हे पार्टी से हीं 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया, तो वहीं एलजेपी ने बीजेपी के खिलाफ चुनावी मैदान में उम्मीदवार उतार कर दोस्ती में पड़ी दरार को साफ दिखा दिया.
कैसे आई दोस्ती में आई थी दरार एलजेपी ने नीतीश कुमार का विरोध करते हुए बिहार एनडीए से खुद को अलग कर लिया था. लेकिन पार्टी ने बयान जारी कर ये भी कहा था कि हम सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे और लोजपा बिहार चुनाव के बाद बीजेपी और नरेंद्र मोदी को मजबूत करेगी. ऐसे में क़यास लगाए जा रहे थे कि चिराग जिस तरह से दोस्ताना बयान दे रहे हैं. वो बीजेपी के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. लेकिन रोसड़ा से एलजेपी के चुनाव लड़ने की ख़बर के बाद ऐसी चर्चाओं पर विराम लग गया है.
कौन होगा बीजेपी के खिलाफ एलजेपी का उम्मीदवार एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद भी बीजेपी से दोस्ती का दम भरने वाले एलजेपी ने रोसड़ा विधानसभा से बीजेपी के खिलाफ अपने पहले प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. चिराग पासवान के चचेरे भाई कृष्ण राज को एलजेपी ने यहां से टिकट दे दिया है. इस विधानसभा से एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान के चचेरे भाई कृष्ण राज को टिकट दिया गया है. कृष्ण राज 15 अक्टूबर को रोसड़ा विधानसभा के लिए नामांकन करेंगे. जेडीयू के साथ बीजेपी के गठबंधन में समस्तीपुर जिले से बीजेपी तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है.