यूपी (UP) में लोकसभा (Lok Sabha) की अब 41 सीटों पर चुनाव होना शेष बचा है। इनमें अधिकतर सीटें पूर्वांचल और अवध की हैं। पूर्वांचल व अवध (Purvanchal and Awadh) की अधिकतर सीटों पर वर्ष 2019 में भाजपा जीती थी। बसपा के हिस्से में छह सीटें आई थीं। इस चुनाव में जौनपुर को छोड़कर बसपा (BSP) के शेष सांसद पाला बदल कर दूसरे दलों से चुनाव लड़ रहे हैं। अवध व पूर्वांचल की अधिकतर सीटों पर पिछले कुछ चुनावों में मुस्लिमों पर सबसे अधिक दांव लगाने वाली समाजवादी पार्टी ने इस बार रणनीति बदलते हुए पिछड़ों पर दांव लगाया है, तो बसपा ने नौ सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर विपक्षी दलों का समीकरण बिगाड़ने की चाल चली है। यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चला कि किसने किसका खेल बिगाड़ा और किसकी चाल कायमाब हुई।
दलितों-मुस्लिम समीकरण
बसपा दलितों को अपना कोर वोट बैंक मानती आती है। इसके सहारे अन्य जातियों का साथ पाकर वह चुनाव जीतती आई है, लेकिन पिछले कुछ चुनावों के परिणामों को देखकर ऐसा लगता है कि उसका कोर वोट उसके साथ पूरी तरह से खड़ा हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बार दलित-मुस्लिम और दलित-ब्राह्मण का समीकरण बनाकर उम्मीदवार उतारे हैं। नौ सीटों पर मुस्लिम-दलित व सात सीटों पर ब्राह्मण-दलित का समीकरण बनाते हुए उम्मीदवार दिए हैं।
चली सधी चाल
बसपा ने जहां मुस्लिम उम्मीदवार दिए हैं उन सीटों पर जातीय समीकरण की स्थिति समझने की जरूरत है। लखनऊ में सबसे अधिक 23% मुस्लिम, 14% ब्राह्मण व 2.08% दलित मदताता बताए जाते हैं। अंबेडकरनगर में 28% दलित व 15% मुस्लिम मतदाता हैं। श्रावस्ती में मुस्लिम 28% व 17% दलित मतदाता हैं। बसपा इसी समीकरण से पिछला चुनाव अंबेडकरनगर व श्रावस्ती में जीत चुकी है। डुमरियागंज मुस्लिम 26% व दलित 19%, संतकबीरनगर मुस्लिम 18% व दलित 28% हैं। आजमगढ़ में दलित 28% व मुस्लिम 15.7, महराजगंज मुस्लिम 12.2% व दलित 22% और गोरखपुर में 19 व मुस्लिम 1.04 प्रतिशत हैं। अब यह देखने वाला होगा कि बसपा ने दलित-मुस्लिम का समीकरण जो बनाया है वह कितना सफल होता। इसके सहारे वह कितने प्रतिशत वोट पाने में कामयाब होती है और उसके उम्मीदवारों के जीत की कितनी संभावना बनती है?
बसपा ने यहां दिए मुस्लिम उम्मीदवार
लखनऊ सरवर मलिक
अंबेडकरनगर कमर हयात अंसारी
श्रावस्ती मुइनुद्दीन अमद खान
डुमरियागंज मोहम्मद नदीम मिर्जा
संतकबीरनगर नदीम अशरफ
आजमगढ़ महमूद अहमद
महराजगंज मोहम्मद मौसमे आलम
गोरखपुर जावेद सिमनानी
वाराणसी अतहर जमाल लारी