पुणे (Pune) पोर्श कार (Porsche car) हिट एंड रन मामले (hit and run case) में पुलिस एक के बाद के नए खुलासे कर रही है. अब इस मामले को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने ससून अस्पताल के सीएमओ (Sassoon Hospital CMO) हरि हरनोल (Hari Harnol) से पैसे लेने वाले अतुल घाटकांबले से 3 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं. आरोपी डॉक्टरों और आरोपी नाबालिग के पिता को क्राइम ब्रांच कार्यालय से लश्कर पुलिस स्टेशन लाया गया है।
पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने ससून अस्पताल के सीएमओ हरि हरनोल से रुपये लेने वाले अतुल घाटकांबले से 2.5 लाख रुपये बरामद किए हैं। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने बाकी 50 हजार रुपये का पता लगाने के लिए हरनोल से पूछताछ की थी. बाद में टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाकर घाटकांबले से बचे हुए 50 हजार रुपये कैश के रूप में बरामद किए।
ब्लड सैंपल बदलने का है आरोप
पोर्श कार दुर्घटना मामले नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में ससून अस्पताल के फॉरेंसिक लैब के एचओडी डॉ. अजय तवाड़े, सीएमओ डॉ. श्रीहरि हलनोर और अजय तावड़े के अधीन काम करने वाले अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार किया था।
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने सोमवार को बताया कि नाबालिग के पिता ने डॉक्टर को बुलाया था और उन्हें ब्लड के सैंपल बदलने के लिए लालच दिया था.उन्होंने कहा कि नाबालिग को सबसे पहले सुबह 11 बजे मेडिकल टेस्ट के लिए ससून हॉस्पिटल ले जाया गया था. इस दौरान उसके ब्लड सैंपल को ऐसे शख्स के ब्लड सैंपल से बदल दिया गया था, जिसने शराब का सेवन नहीं किया हुआ था।
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई. इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी.कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था. हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था. नाबालिग इस समय सुधार गृह में है।
हाल ही में इस घटना से जुड़े दो पुलिसवालों पर लापरवाही बरतने के लिए गाज गिरी थी. ये दोनों अफसर वारदात के बाद सबसे पहले घटनास्थल पर पहु्ंचे थे. लेकिन दोनों ने ही घटना के बारे में अपने सीनियर्स और कंट्रोल रूम को जानकारी नहीं दी थी. येरवडा पुलिस स्टेशन के इन दोनों पुलिस अफसरों को पुणे आयुक्त ने निलंबित कर दिया था. इनके नाम पुलिस निरीक्षक राहुल जगदाले और एपीआई विश्वनाथ टोडकरी है।