पाकिस्तान (pakistan) के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में एक बड़ा प्रदर्शन देखा गया। प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों (police) को पीटा गया और पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए गए। एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई। बिजली और आटा (electricity and flour) की कीमतों में राहत के लिए लोगों का यह प्रदर्शन था, जिस पर सरकार बाद में सहमत हो गई। लेकिन इस प्रदर्शन से पाकिस्तानी सरकार हिल गई है। फिर ऐसी स्थिति न हो, इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (pm) शहबाज शरीफ (shahbaz sharif ) पीओके पहुंचे हैं। यहां उन्होंने पीओके में लोगों के सामने आने वाले मुद्दों के लिए स्थायी समाधान मांगा।
जम्मू कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी (JAAC) की ओर से महंगाई, उच्च करों और बिजली बिलों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करने के बाद शहबाज का यह बयान आया है। पाकिस्तानी सरकार की ओर से 23 अरब रुपए के सब्सिडी पैकेज की घोषणा के बाद यह प्रदर्शन रुक गया। पीओके में कैबिनेट बैठक को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा कि उनकी सरकार कश्मीरी लोगों के सामने आने वाले मुद्दों का स्थायी समाधान तलाशेगी।
कमेटी गठन करने का आदेश
उन्होंने पीओके के लोगों के लिए जल शुल्क, नीलम झेलम और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए एक कमेटी के गठन का निर्देश दिया। पाकिस्तान को यह उम्मीद नहीं थी कि पीओके जिसे वह आजाद जम्मू कश्मीर कहता है, वहां उसके खिलाफ प्रदर्शन होगा। शहबाज का पीओके में पहुंचना दिखाता है कि प्रदर्शन से पाकिस्तानी सरकार के हाथ पांव फूल गए हैं। शहबाज ने कहा कि लोगों ने अपनी वास्तविक मांगों के लिए आवाज उठाई, लेकिन इसके बीच कुछ उपद्रवियों ने दंगे फैलाने और हत्या की कोशिश की।
भारत और बीजेपी पर उगला जहर
पीओके में जाकर शहबाज भारत के खिलाफ जहर न उगलें ऐसा नहीं हो सकता। शहबाज ने कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर अपना नैतिक और राजनयिक समर्थन देना जारी रखेगा। उन्होंने तिहाड़ में बंद कश्मीरियों को लेकर भी बात की। बीजेपी ने कश्मीर की तीन सीटों श्रीनगर, बारामूला और अनंतनाग पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। इसे लेकर शहबाज ने कहा कि भारत की सत्तारूढ़ पार्टी अपने वास्तविक नाम से चुनाव नहीं लड़ सकती है, जो क्षेत्र में जनता के गुस्से के डर को दिखाता है।