उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भारत-नेपाल सरहद के पास बीती रात करीब 1 बजे बादल फट गया। इस आपदा में बड़ी अनहोनी की आशंका जाहिर की जा रही है। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी ने मीडिया को जानकारी दी है कि बादल फटने से लगभग 30 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि एक महिला की जान चली गई है। जानकारी के अनुसार, बादल फटने से धारचूला के खोतिला गांव में सबसे अधिक तबाही मची।
ग्वाल गांव और धारचूला मल्ली बाजार में घरों में पानी घुस गया। बादल फटने से काली नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। बताया जा रहा है कि कई घर ध्वस्त हो गए हैं। वहीं लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए बचाव अभियान भी शुरू कर दिया गया है। उत्तराखंड में टिहरी के मूलगढ़ क्षेत्र में 24 अगस्त को बादल फट गया था। इससे नरेन्द्रनगर के पास मलबा और बोल्डर आने से ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे बंद हो गया था। हालांकि, उस समय बादल फटने से जनहानि नहीं की कोई सूचना नहीं आई थी। चार दिन बाद हाईवे खोला जा सका था। बादल फटने से खेतों को काफी नुकसान हुआ था।
बता दें कि, गत माह 20 अगस्त को उत्तराखंड में देहरादून जिले के रायपुर ब्लॉक में बादल फट गया था। इस आपदा में सरखेत गांव को सबसे अधिक नुकसान हुआ था। गांव में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। टपकेश्वर महादेव मंदिर के निकट भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। मालदेवता पर बना पुल भी बह गया था। कई स्थानों पर सड़कें टूटने और घरों में पानी घुस गया था।