पंजाब में संगरूर की एक अदालत ने साढ़े सात साल पुराने नाभा जेल ब्रेक मामले में 22 आरोपियों को दो से 10 साल की सज़ा सुनाई है।अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एच एस ग्रेवाल की अदालत ने गुरप्रीत सिंह मंगेवाल, मंजीत सिंह, गुरजीत सिंह लाडा, सहायक जेल अधीक्षक भीम सिंह, जगमीत सिंह, मनजिंदर सिंह, सुलखान सिंह, गुरप्रीत बब्बी खेड़ा, पलविंदर पिंडा, गुरप्रीत सेखों, किरणपाल सुखचैन, राजविंदर, कुलविंदर टिबरी, सुनील कालरा, अमनदीप धोडियान, अमन और दो अन्य लोगों को गुरुवार को सज़ा सुनाई।
अदालत ने इन्हें अधिनियम की धारा 395, 120बी, 223, 224, 467, 307, 148, 148, 186, 353 के तहत कल दोषी करार दिया था। मामले में आरोपियों नरेश नारंग, जितिंदर, मोहम्मद आसिम, तेजिंदर शर्मा, रविंदर विक्की सहोता और रंजीत को बरी कर दिया गया था। वर्ष 2016 में लग्जरी कारों में सवार होकर आरोपी नाभा हाई सिक्योरिटी जेल के गेट पर आए थे और आते ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। इस हमले के बाद उन्होंने जेल में बंद कैदियों को छुड़ाया और उन्हें गाड़ियों में लेकर फरार हो गए। नाभा पुलिस ने कुल 30 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।