रिपोर्ट:- गौरव सिंघल,विशेष संवाददाता,दैनिक संवाद,सहारनपुर मंडल,उप्र:।।
देवबंद (दैनिक संवाद न्यूज)। गंग नहर की देवबंद शाखा की पटरी गांव रास्तम-बास्तम और बन्हेंडा के पास टूट जाने से कई किसानों की सैकडों बीघा जमीन जलमग्न हो जाने से उनकी गेंहू, गन्ने, सरसों और बरसीन की फसल को भारी नुकसान हो गया है। बास्तम गांव निवासी बजरंग दल के मेरठ प्रांत के संयोजक विकास त्यागी ने आज बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने बताया कि उनके प्रयास से सिंचाई विभाग ने जून 2021 में एक करोड 70 लाख 85 हजार रूपए की धनराशि शासन से अवमुक्त कराई थी।
विकास त्यागी ने बताया कि इस रकम से रास्तम-बन्हेडा के पास गंगनहर की डेढ किमी की सतह और दोनो ओर की पटरियां पक्की की जानी थी। वही पर इस गंगनहर के नीचेे से काली नदी भी होकर निकलती है। त्यागी ने बताया कि साल में कई बार गंगनहर कई-कई दिनों तक बंद होती हैै और जब उसमें फिर से पानी छोडा जाता है तो मिट्टी के किनारे टूटकर गंगनहर का पानी खेतों में चला जाता है। जिससे फसलों को भारी नुकसान होता है। सिंचाई विभाग ने डेढ साल बाद भी उस स्थान पर नहर को पक्का नहीं कराया। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखे जाने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए डेढ वर्ष पूर्व उक्त राशि सिंचाई विभाग को दे दी थी। क्षेत्रीय किसानों का गंभीर आरोप है कि सिंचाई विभाग बार-बार नहर टूटने पर भारी-भरकम स्टीमेट बनवाकर मिट्टी से ही नहर पटरी की मरम्मत कराते है।
इस मौसम में किसानों को सिंचाई के लिए पानी की बडी आवश्यकता होती है। परसो देर रात पटरी टूटने से अभी तक नहर का पानी खेतों मेें आ रहा है। सूचना मिलने पर एसडीएम देवबंद संजीव कुमार ने मौके का निरीक्षण कर सिंचाई विभाग को नहर की पटरी की मरम्मत के निर्देश दिए और राजस्व विभाग को किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेने को कहा। जिससे उनकी भरपाई की जा सके। गंगनहर के अधिशासी अभियंता हरि शर्मा के बीमार होने के चलते उनसे संपर्क नहीं हो पाया है और अधीक्षण अभियंता अमिताभ कुमार का फोन नहीं उठ पाया। ग्रामीणों के मुताबिक सिंचाई विभाग की ओर से टूटी पटरी की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।