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दिल्‍ली में इस बार 2019 से भी कम हुई वोटिंग, गर्मी के कारण राजधानी वासियों का घटा उत्‍साह

सियासी आंच से तप रही दिल्ली (Delhi) की धरती पर शनिवार को मतदान (voting) के साथ चुनावी तूफान शांत हो गया। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग (election Commission) के साथ दलों ने भी पूरा जोर लगाया। बावजूद इसके, पॉश इलाकों में शामिल नई दिल्ली सीट पर वोटरों का कम योगदान रहा, जबकि यमुनापार वाले अव्वल रहे। 2019 के चुनाव में भी लुटियन का मत प्रतिशत फिसड्डी था, जबकि यमुनापार वालों ने दम दिखाया था।

देश की संसद के सबसे नजदीक रहने वाले नई दिल्ली लोकसभा सीट के मतदाता इस बार फिर लोकसभा चुनाव में फिसड्डी रहे। वहीं संकरी गलियों, अनाधिकृत कॉलोनियों में बसे यमुनापार के मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। दिल्ली में सबसे अधिक मतदान उत्तर-पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट पर 59.09 फीसदी, जबकि नई दिल्ली सीट पर सबसे कम महज 51.98 फीसदी हुआ।

प्रचंड गर्मी के बीच शनिवार को लोकसभा चुनाव के छठे चरण में रात 11 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कुल 56.94 वोट पड़े। वर्ष 2019 में दिल्ली में 60.52 फीसदी मतदान हुआ था। राजधानी दिल्ली में शनिवार को अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री दर्ज किया गया। मतदाता सुबह और शाम के वक्त वोट करने के लिए ज्यादा संख्या में पहुंचे। राजधानी की सभी सात सीटों पर 56.04 मतदान हुआ। वर्ष 2019 के चुनाव में 60.52 प्रतिशत मतदान हुआ था। हालांकि, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से कहा गया कि यह आंकड़े अंतिम नहीं है। अभी मतदान प्रतिशत बदल सकता है।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर सबसे अधिक मतदान
दिल्ली में सबसे अधिक मतदान उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर 59.09 फीसदी दर्ज किया गया है। सबसे कम नई दिल्ली लोकसभा सीट पर 51.98 प्रतिशत वोट पड़े। वहीं, दक्षिणी दिल्ली में 53.53, पश्चिमी दिल्ली 57.51, उत्तरी पश्चिमी दिल्ली 53.81, चांदनी चौक 56.43 और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर 54.79 प्रतिशत मतदान हुआ।

मतदान के लिए 13 हजार से ज्यादा बूथ बनाए गए थे
दिल्ली में 2627 स्थानों पर 13 हजार से ज्यादा बूथ बनाए गए थे, जिन पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ। युवाओं, महिला, बुजुर्गों के साथ बड़ी संख्या में दिव्यांग भी मतदान करने के लिए आगे आए। पॉश कॉलोनियों से लेकर घनी आबादी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सुबह से ही कतार में लगे थे। कई इलाकों में शाम 6 बजे के बाद भी मतदान हुआ। काफी संख्या में लोग शाम के समय मतदान करने निकले। हालांकि, 6 बजे के बाद मतदान केंद्रों के गेट बंद कर दिए गए, लेकिन जो लोग मतदान परिसर में लाइन में लगे थे, उन्हें मतदान का मौका दिया गया।

धीमी वोटिंग की शिकायत
कुछ मतदान केंद्रों पर वोटिंग धीमी होने और मतदाता सूची से नाम काटे जाने की शिकायत भी लोगों द्वारा की गई। दिल्ली में इस बार 1.52 करोड़ से अधिक मतदाता पंजीकृत थे, लेकिन देर रात तक मिले आंकड़ों के हिसाब से मतदान के प्रति उत्साह उम्मीद से कम रहा। मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद दिल्ली के 162 प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद हो गया है। चार जून को होने वाली मतगणना में साफ होगा कि जीत का सेहरा किसके सिर पर बंधेगा।