परमाणु हथियारों पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी आईएईए ने कहा है कि ईरान ने संवर्धित यूरेनियम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस कारण विएना में चल रही परमाणु समझौते की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। अमेरिका और यूरोपीय अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि ईरान की गतिविधियां अमेरिका के साथ उसकी बातचीत में जटिलता बढ़ाएंगी और दोनों देशों को 2015 में बनी सहमति के स्तर पर वापस लाने में बाधा आ सकती है।
बता दें कि 2015 में ओबामा सरकार के वक्त अमेरिका ने ईरान से परमाणु संधि कर ली थी, जिसे ट्रंप सरकार ने खारिज कर दिया था। संधि के तहत ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कई तरह की पाबंदियां हैं, जिनके चलते ईरान परमाणु हथियारों के लिए ईंधन तैयार नहीं कर सकता है और बदले में उसे आर्थिक प्रतिबंधों से राहत मिली है। इस बीच, अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने संयुक्त बयान में कहा है कि ईरान को यूरेनियम के शोध व उत्पादन की नागरिक जरूरतें नहीं हैं। ऐसे में यह कदम परमाणु हथियार बनाने की दिशा में एक कदम है। तीनों देशों ने ईरान के इस कदम पर नाराजी जताई है।
विएना में वार्ता पर लौटने का आग्रह
ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) ने ईरान से विएना में बातचीत के लिए लौटने का आग्रह किया। यह वार्ता 20 जून को स्थगित होने के बाद अब तक नए दौर की तारीखें तय नहीं कर पाई है। अमेरिका ने कहा है कि वह बातचीत शुरू करने के लिए कोई समयसीमा तय नहीं करना चाहता लेकिन ईरान की गतिविधियों का उसके बातचीत में लौटने के फैसले पर असर पड़ सकता है।