रविवार यानी 27 सितंबर को पद्मिनी एकादशी है। इसे कमला एकादशी और पुरुषोत्तमा एकादशी भी कहा जाता है। यह अधिकमास चल रहा है और इस महीने में आने वाली एकादशी को बेहद अहम माना जाता है। मान्यता है कि यह व्रत विष्णु जी को अति प्रिय है। इस व्रत को अगर व्यक्ति सच्चे मन और श्रद्धा से करता है तो उस श्री हरि विष्णु भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। अगर आप भी रविवार को यह व्रत करने वाले हैं तो यहां हम आपको पद्मिनी एकादशी की व्रत और पूजा विधि बता रहे हैं।
इस तरह करें पद्मिनी एकादशी की पूजा और व्रत:
1. इस दिन व्रत किया जाता है। यह व्रत निर्जला उपवास किया जाता है।
2. इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठ जाएं। नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि करें। नहा-धोकर स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
3. इसके बाद शुद्ध और स्वच्छ चौकी लें। इस पर विष्णु जी की प्रतिमा को स्थापित करें। विष्णु जी की तस्वीर भी उपयोग की जा सकती है।
4. विष्णु जी पर पीले पुष्प, पीले वस्त्र और नैवेद्य अर्पण करें। इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
5. विष्णु जी के सामने धूप व दीपक प्रजवल्लित करें।
6. इसके बाद विष्णु जी की आरती गाएं और विधिवत पूजा करें।
7. श्री हरि को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं।
पद्मिनी एकादशी का मुहूर्त:
अधिक आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 26 सितंबर को होगा। इस दिन शनिवार है। इस दिन तिथि का प्रारंभ सुबह 06 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। यह 27 सितंबर दिन रविवार सुबह 7 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। ऐसे में पद्मिनी एकादशी का व्रत 27 सितंबर को किया जाना चाहिए। पद्मिनी एकादशी व्रत का पारण अगले दिन किया जाएगा। पारण का समय 28 सितंबर दिन सोमवार को सुबह 06 बजकर 19 मिनट से सुबह 08 बजकर 28 मिनट के बीच है।