सट्टेबाजी और कर्ज देने वाले चाइनीज ऐप्स पर केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्र सरकार ने 138 सट्टेबाजी ऐप्स और 94 लोन देने वाले ऐप्स को तत्काल बैन और ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। मीडिया को मिली जानकारी के मुताबिक सूत्रों ने पुष्टि की है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को इस हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स को ब्लॉक करने के बारे में एक निर्देश मिला। सूत्रों ने यह भी पुष्टि की कि MeitY ने इन ऐप्स को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छह महीने पहले 28 चीनी लोन देने वाले ऐप की जांच शुरू की थी। जांच में पाया कि ऐसे 94 ऐप ई-स्टोर पर मौजूद हैं और किसी अन्य तीसरे पक्ष के लिंक के जरिये काम कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि बड़े पैमाने पर कर्ज में लोगों को फंसाने के लिए अक्सर जाल बिछाने वाले इन ऐप्स का जासूसी और प्रोपेगेंडा के औजार के रूप में भी दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा भारतीय नागरिकों के डेटा की सुरक्षा को खतरा भी हो सकता है। सूत्रों ने कहा कि तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के साथ-साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था।
जांचकर्ताओं ने ये भी पाया कि सर्वर-साइड सिक्योरिटी का दुरुपयोग करके इन ऐप्स को जासूसी उपकरण में बदलने की क्षमता है। क्योंकि इन ऐप्स के पास भारतीयों के महत्वपूर्ण डेटा तक पहुंच है। ऐसे डेटा तक पहुंच का उपयोग बड़े पैमाने पर निगरानी के लिए किया जा सकता है। बैन किए गए लगभग सभी ऐप चीनी नागरिकों ने तैयार किए थे। जिन्होंने भारतीयों को काम पर रखा और उन्हें कामकाज की जिम्मेदारी सौंपी। लोगों को कर्ज लेने के लिए लुभाने के बाद उन्होंने सालाना ब्याज 3,000 फीसदी तक बढ़ा दिया। जब कर्जदार पूरा कर्ज तो दूर ब्याज चुकाने में असमर्थ हो गए, तो इन ऐप्स के लोगों ने कर्जदारों को परेशान करने का सिलसिला शुरू कर दिया।
बता दें कि इन ऐप्स से कर्जदारों को भद्दे संदेश भेजे गए, उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को जारी करने की धमकी दी गई और उन्हें अपने संपर्कों को संदेश भेजकर शर्मसार किया गया। विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इन ऐप्स के कई कर्जदारों की आत्महत्याओं के बाद ये मुद्दा सुर्खियों में आ गया था।
इनमें से कई ऐप अब स्मार्टफोन पर डाउनलोड करने के लिए मौजूद नहीं हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि सट्टेबाजी के ऐप और गेम स्वतंत्र लिंक या वेबसाइटों के जरिये डाउनलोड किए जा रहे हैं। यहां तक कि सीधे ऑनलाइन या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी उनको खेला जा रहा है। इनमें से कुछ तो भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी को भी कबूल करते हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा जारी एडवायजरी में कहा गया है कि देश के अधिकांश हिस्सों में सट्टेबाजी और जुआ अवैध है। इसलिए इन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के साथ-साथ उनके सरोगेट्स के विज्ञापन भी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, केबल टीवी नेटवर्क विनियमन अधिनियम 1995 और आईटी नियम, 2021 के कानूनों के तहत अवैध हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ऑनलाइन विज्ञापन बिचौलियों को भारतीय दर्शकों के लिए ऐसे विज्ञापन जारी नहीं करने की सलाह दी है। मंत्रालय ने कहा है कि सट्टेबाजी और जुआ उपभोक्ताओं, विशेषकर युवाओं और बच्चों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक खतरा पैदा करते हैं। इसलिए जनहित में विज्ञापनों के जरिये ऑफलाइन या ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा नहीं देने की सलाह दी जाती है।