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चंद्रबाबू के करीबी राम मोहन नायडू मोदी सरकार में बनेंगे सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री

मोदी सरकार (Modi Government) 3.0 में तेलुगु देशम पार्टी (Telugu Desam Party- TDP) के कोटे से दो सांसद मंत्री बनेंगे. टीडीपी की ओर से उन दोनों सांसदों के नाम तय कर दिए गए हैं. राम मोहन नायडू किंजरापु (Ram Mohan Naidu Kinjarapu) कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) और चंद्रशेखर पेम्मासानी (Chandrashekhar Pemmasani) आज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ लेंगे. आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम सीट से तीसरी बार चुनकर आए राम मोहन नायडू (36) अबतक के सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री होंगे।

राम मोहन नायडू का जन्म निम्माडा में 18 दिसंबर, 1987 को हुआ था. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीडीपी नेता येरन नायडू के बेटे हैं. उन्हें सार्वजनिक सेवा और राजनीति विरासत में मिली है. पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो राम मोहन ने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से की. उसके बाद अमेरिका की Purdue University से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की. इसके बाद लॉन्ग आईलैंड से एमबीए किया।

2012 में पिता का सड़क हादसे में निधन
उन्होंने सिंगापुर में करियर बनाना शुरू ही किया था कि 2012 में कार हादसे में उनके पिता का निधन हो गया. इसके बाद वह राजनीति में आए और 2014 में 26 साल की उम्र में श्रीकाकुलम से पहली बार सांसद चुने गए और 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद बने।

चंद्रबाबू के करीबी हैं राम मोहन
राम मोहन नायडू को चंद्रबाबू नायडू का करीबी माना जाता है. उनकी गिनती अपने पिता येरन नायडू की तरह टीडीपी चीफ के करीबियों में होती है. जब चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी हुई, उस कठिन समय में राम मोहन ने दिल्ली में टीडीपी चीफ के बेटे नारा लोकेश के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चूंकि राम मोहन करीब 9 साल से दिल्ली में एक्टिव थे और उनके अलग-अलग दलों में संपर्क थे, नारा लोकेश के साथ मिलकर उन्होंने टीडीपी चीफ की गिरफ्तारी के खिलाफ मोर्चा बनाया. चंद्रबाबू ने उन्हें ही दिल्ली की सभी यात्राओं में उनके साथ रहने की जिम्मेदारी सौंपी है. जो राष्ट्रीय राजनीति की पेचीदगियों से निपटने में उनकी साझेदारी को दिखाती है।

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