गुजरात चुनाव (Gujarat election) के प्रचार रण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से लेकर गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah), भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda), कई राज्यों के मुख्यमंत्री व देश भर के प्रमुख भाजपा नेता पूरी ताकत से जुटे रहे। प्रमुख नेताओं ने राज्य की 182 सीटों पर जमकर प्रचार किया। अपने विरोधियों के कम व बिखरे प्रचार अभियान के बावजूद भाजपा (BJP) ने अपनी रणनीति में कोई शिथिलता नहीं आने दी। भाजपा ने व्यक्ति और संगठन दोनों मुद्दों पर अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
दरअसल, गुजरात के मौजूदा विधानसभा चुनाव की पटकथा पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ही लिखनी शुरू हो गई थी, जब भाजपा 100 से कम 99 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी। इस बीच राज्य में भाजपा की सरकार को कोरोना से भी निपटना पड़ा। ऐसे में विधानसभा चुनाव की चुनौती भी बड़ी थी। भाजपा ने एक साल पहले की सारी स्थितियों को परखते हुए पहले पूरे मंत्रिमंडल को बदला और फिर उम्मीदवारों में भी बदलाव किया। यह भाजपा के इतिहास में पहली बार हुआ, जब मुख्यमंत्री समेत पूरी सरकार को बदल दिया गया हो।
मोदी ने सबसे लंबा रोड शो किया
शासन के बदलाव के बाद इस साल पांच विधानसभाओं के चुनाव के लिए मतदान के ठीक बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मैदान में उतरे। इन चुनावों के नतीजे आने के पहले ही मोदी ने गुजरात में रोड शो के जरिए अपनी रणनीति साफ कर दी। इसके बाद वह लगातार राज्य के दौरे करते रहे और गुजरात में विभिन्न क्षेत्र की कई परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास भी हुए। मुख्य चुनाव प्रचार अभियान में भी मोदी नए रूप में नजर आए। आखिरी दौर में पहुंचे चुनाव में मोदी ने अहमदाबाद में सबसे लंबा 50 किलोमीटर का रोड शो 14 विधानसभा क्षेत्रों में किया। इसे पुष्पांजलि कार्यक्रम नाम दिया और विभिन्न स्थानों पर महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। मोदी ने आखिरी सभा के पहले भी एक रोड शो किया और अहमदाबाद की नगर देवी भद्रकाली की पूजा अर्चना भी की।
शाह ने प्रचार के साथ संभाला प्रबंधन का मोर्चा, नड्डा भी जुटे रहे
मोदी के साथ अमित शाह पूरे चुनाव का प्रबंधन अपने हाथ में संभाले रहे। उम्मीदवारों से लेकर प्रचार तक वह खुद बेहद सक्रिय रहे। दिन भर सभाओं के बाद शाम को हर क्षेत्र की जानकारी लेने और देर रात तक मीडिया प्रबंधन में शाह को लगभग हर रोज देखा जा सकता था। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी हिमाचल प्रदेश के चुनाव के बाद गुजरात का रुख किया और कई सभाएं व रोड शो किए। योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान, हिमंत बिस्व सरमा समेत कई मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री चुनाव प्रचार में जुटे रहे।
नई पीढ़ी के लिए नई भाजपा, 41 फीसदी नए चेहरे
उम्मीदवारों के चयन में भी पार्टी ने पिछले 99 जीते विधायकों में 41 को बदल दिया। यानी 41 फीसदी चेहरे नए। इस दौरान कई पुराने नेताओं ने खुद ही चुनाव न लड़ने का ऐलान भी कर दिया। साफ है 27 साल से सत्ता में रही भाजपा ने इन चुनावों को लिए खुद को बदल लिया और नई पीढ़ी के सामने नई भाजपा भी पेश की। इस दौरान भाजपा ने कांग्रेस में भी सेंध लगाई और उसके कई विधायक व नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकुर व मोहन सिंह राठवा जैसे बड़े नाम भाजपा में शामिल हो गए।