महाराष्ट्र में लोकसभा सीटों को लेकर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (Shiv Sena and Bharatiya Janata Party)में रार के आसार हैं। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde)की अगुवाई वाली पार्टी के कई सांसद (Member of parliament)खुलकर अपनी उम्मीदवारी का ऐलान (declaration of candidacy)करने लगे हैं। खास बात है कि अब तक भाजपा-शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मिलकर सीट शेयरिंग का ऐलान नहीं किया है।
खबरें हैं कि शिवसेना राज्य की कम से कम 18 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। इधर, कई बड़ी सीटों पर पार्टी के नेता दावा पेश कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साथ ही नेताओं का कहना है कि अपने इलाकों में भाजपा के उम्मीदवारों का प्रचार नहीं करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल, सांसद गजानन कीर्तिकर और पूर्व मंत्री रामदास कदम शामिल हैं।
कहां फंस रहा है पेच?
रिपोर्ट के अनुसार, अडसुल अमरावती से चुनाव लड़ना चाहते हैं। जबकि, महायुति इस सीट से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को उतारने के मूड में है। अडसुल ने कहा, ‘अमरावती लोकसभा सीट शिवसेना की है। ऐसे में मैं अमरावती से चुनाव लड़ूंगा। नवनीत राणा को जो चाहे वो कहने की आदत है। हमें उनकी तरह बात करने की आदत नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘अमरावती सीट भाजपा की कभी थी ही नहीं। भले ही राणा भाजपा में शामिल हो जाएं, लेकिन क्या उन्हें यह सीट मिलेगी? हम अपना दावा नहीं छोड़ेंगे। हम किसी भी हाल में यहां से चुनाव लड़ेंगे।
‘चाहे जो भी हो, हम इस क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे
रिपोर्ट के मुताबिक, रत्नागिरी को लेकर कदम का कहना है, ‘चाहे जो भी हो, हम इस क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे। भाजपा सभी को मारकर जिंदा रहना चाहती है, लेकिन ऐसा नहीं होगा। हम दो भाई हैं, जो हमारा उसे शेयर कीजिए, लेकिन जो मेरा है उसे मत लो… ऐसे काम नहीं चलेगा। महायुति में ऐसा नहीं होना चाहिए। हम रत्नागिरी नहीं छोड़ेंगे। इस जगह पर हमारा अधिकार है। हमारा उम्मीदवार यहां से चुना गया है।’
इधर, कीर्तिकर भी साफ कर चुके हैं कि शिवसेना के लिए 12 सीटों का प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है। भाजपा ने शनिवार को ही 195 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।