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कभी पानी के लिए दर-दर भटकती थी, अब जल सहेली शारदा देवी को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

शारदा देवी ने पूरे देश में झांसी मंडल और ललितपुर जिले का नाम रोशन कर दिया है. शारदा देवी जल सहेली के तौर पर काम करती हैं. उन्हें देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वच्छ स्वजल शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया है. जल संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय काम करने के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है. दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शारदा देवी को यह सम्मान दिया गया. शारदा परमार्थ समाज सेवी संस्थान के साथ मिलकर जल संरक्षण का काम करती हैं.

जल सहेली शारदा देवी ने बताया कि वह झांसी मंडल के ललितपुर जनपद के ब्लाक तालबेहट के ग्राम विजयपुरा में रहती हैं. 1999 में जब वह शादी करके गांव में आईं तब गांव मे पानी के संकट का बहुत ज्यादा सामना करना पडता था. कई बार तो खेती ना होने के कारण हमें अपने परिवार के साथ शहर में आजीविका के लिए काम करने के लिए जाना पड़ा. घर से बाहर काम के अलावा निकलने की कोई आजादी नहीं थी, घर में भी पर्दा में रहना पड़ता था. इन्हीं परिस्थितियों का देखकर जब हमने घर से बाहर जाकर जल संरक्षण के लिए काम करने का प्रयास किया तो पहले तो घर के लोगों ने मना किया.

सूखे बुंदेलखंड की प्यास बुझाने का है संकल्प
जब जल संरक्षण पर काम करने वाली परमार्थ संस्थान के द्वारा गांव में जल संरक्षण काम शुरू किया गया तो शारदा देवी में आत्मविश्वास आ गया. आज वह अपने गांव में 8 तालाब बना चुकी हैं. इसके साथ ही अवैध खनन को रोकने और शराबबंदी के लिए भी शारदा देवी ने काम किया. बरुआ नदी को पुनर्जीवित करने में भी शारदा का अहम योगदान रहा है.

सम्मान लेते वक्त आंखों में खुशी के आंसू थे
शारदा को जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा यह सम्मान दिया गया तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे. उन्होंने कहा की यह सम्मान उन्हें प्रेरणा देता है कि हम अपने सूखे बुंदेलखंड के लिए लगातार काम करते रहें और पानी की समस्या को पूरी तरह दूर कर दें. इस कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तथा जनशक्ति राज्य मंत्री पहलाद सिंह पटेल भी मौजूद रहे.

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