सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट करने और साझा करने के आरोप में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद पार्टी समर्थकों ने गुरुवार को संसद मार्ग पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस मामले में पुलिस ने 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस इन्हें आज कोर्ट में पेश करेगी.
पुलिस के मुताबिक, इन्हें न तो जंतर मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत थी और न ही थाने पर, जिसके बाद 33 कार्यकर्ताओं को हिरासत में रखा गया था. देर रात उनके खिलाफ एफआईआर करके गिरफ्तार किया गया. ये लोग अचानक से थाने आ गए और प्रदर्शन करने लगे. इस वजह से एफआईआर दर्ज की गई. बताया जा रहा है कि इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत एक मामला दर्ज किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रवक्ताओं नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, विवादित संत यति नरसिंहानंद और अन्य के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट करने तथा उन्हें साझा करने के लिए प्राथमिकियां दर्ज की हैं.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जिन्होंने सार्वजनिक शांति भंग करने और विभाजनकारी आधार पर लोगों को भड़काने के लिये संदेश पोस्ट किये और साझा किए.’ उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 295 और 505 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. अधिकारी ने बताया कि एक मामला शर्मा के खिलाफ दर्ज किया गया है तथा दूसरा विश्लेषण के आधार पर ओवैसी, जिंदल, नरसिंहानंद, शादाब चौहान, सबा नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान और गुलजार अंसारी समेत कई अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया है.